दुर्ग। कवर्धा के लोहरीडीह में हुए कांड को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुगलबंदी चल रही है। इस मामले में जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश बंद का आह्वान किया वहीं दूसरी ओर गृहमंत्री विजय शर्मा जेल में बंद आरोपी महिलाओं से मिलने के लिए लाव लश्कर के साथ बाकायदा नाश्ता लेकर जेल के अंदर गए। उधर इन्हीं महिलाओं का बयान लेने पहुंची महिला आयोग की अध्यक्ष को पहले तो रोका गया, बाद में उन्हें अकेले ही जेल में जाने को कहा गया।

केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद आरोपियों से मुलाकात करने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा पहुंचे। इस मौके पर जिला प्रशासन यहां मौजूद था। ख़ास बात यह रही कि गृहमंत्री अपने साथ आरोपियों के लिए बाकायदा कार्टून के डिब्बों में नाश्ता लेकर पहुंचे थे। उधर महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक इस घटना को लेकर कथित तौर पर पीड़ित महिलाओं का बयान लेने जब अपनी टीम को लेकर जेल पहुंची तो पहले उन्हें अंदर जाने से रोका गया, बाद में उन्हें अकेले ही जाने दिया गया।

कवर्धा के ग्राम लोहरीडीह में एक युवक की आत्महत्या से उपजे विवाद के बाद संदेहियों के परिवार को आग में झोंक दिया गया। इस घटना में एक की मौत हो गई, वहीं पुलिस की पिटाई से एक युवक की की जान चली गई। पुलिस ने इस घटनाक्रम के दौरान 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन्हीं में शामिल लगभग 33 महिलाएं दुर्ग जेल में बंद हैं। इन्हीं से मिलने गृह मंत्री विजय शर्मा जेल जेल पहुंचे। उनके साथ दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव, अहिवारा विधायक डोमन लाल कोर्सेवाडा, जेल डीजी हिमांशु गुप्ता, दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, आईजी रामगोपाल गर्ग, एसपी जितेंद्र शुक्ला भी मौजूद रहे।

‘सरकार ने कठोर कार्यवाही की है’

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कवर्धा की घटना के बाद बाकायदा पंचनामा हुआ है और कांग्रेस के विधायक भी वहां सामने थे और उनके सामने ही पंचनामा हुआ है। पूरे थाने को बदल दिया गया है। एसपी को बदल दिया गया है। एडिशनल एसपी सस्पेंड किए गए हैं। जांच आयोग बैठाया गया है और इस मामले पर जो भी गुनहगार होगा, उसकी सजा उसे मिलेगी। कवर्धा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाने पर विजय शर्मा ने कहा कि अभिषेक पल्लव का एक वीडियो आया, उस वीडियो में यह समझ आया कि उनको अपनी जिम्मेदारी इस ढंग से नहीं निभाना चाहिए था, और कलेक्टर का तो रुटीन ट्रांसफर हुआ है। उस समय जो एडिशनल एसपी की जिम्मेदारी थी, वो भी ठीक से अपनी नहीं निभा सके, उनको सस्पेंड भी किया गया है।

‘अपना दुखड़ा सुनाया महिलाओं ने’

विजय शर्मा ने बताया कि जेल में बंद महिलाओं ने अपना दर्द बताया। और कहा कि उनके बच्चे घर पर हैं, उनकी चिंता हो रही है। मैंने उन्हें सांत्वना दी और बताया कि आज वे गांव में जा रहे हैं। विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने जेलर को अपना मोबाइल नंबर भी दिया है और कहा है कि इनमे से कोई भी महिला अगर अपनी परेशानी को लेकर मुझसे बात करना चाहे तो उनसे मेरी बात कराएं।

‘पुलिस से कहा – बेगुनाहों को छोड़ें’

इस मौके पर विजय शर्मा ने पुलिस से कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करें और जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई करें, वहीं जो भी घटना में शामिल नहीं हैं और इसके प्रमाण भी मौजूद हैं, उन्हें छोड़ें।

‘भूपेश अपने पुराने दिन याद करें, तब हमारी भी पिटाई हुई थी’

वही छत्तीसगढ़ बंद को लेकर विजय शर्मा ने कहा कि चेंबर ऑफ कॉमर्स पर सरकार का किसी तरह का कोई दबाव नहीं। भूपेश बघेल जिस तरह लोहारडीह आए थे, उसी तरह उनको बिरनपुर भी जाना था। अभी भूपेश बघेल सिर्फ नेतागिरी और राजनीति कर रहे हैं, घटना वाला गांव हमारा है। हम संभाल लेंगे और अभी भी उनको जाना है, जाएं, लेकिन भूपेश बघेल अपने पुराने दिन भी याद करें, कवर्धा में हमारी भी पिटाई हुई थी, लेकिन उस समय भूपेश बघेल ने किसी का भी तबादला नहीं किया था। भूपेश बघेल सिर्फ और सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद बुलाने पर विजय शर्मा ने कहा कि बन्द की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

अकेले ही जाना पड़ा महिला आयोग अध्यक्ष को

कवर्धा में हुई घटना के बाद आरोपी महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई मारपीट को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान में लिया है। इस मामले में महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पुलिस महानिदेशक, जेल को पत्र लिखकर बताया कि जिस तरह के फुटेज और पीड़ित महिला के बयान आये हैं, उससे लग रहा है कि महिलाओं के साथ पुरुष और महिला पुलिस कर्मियों ने मारपीट की है। इस मामले में इनका बयान लेने के लिए वे 21 सितंबर को दुर्ग जेल पहुंचेंगी। इसी के अनुरूप आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक अपने साथ एक डॉक्टर और महिला वकील को बयान लेने के लिए साथ लेकर जेल परिसर में पहुंची, मगर उन्हें जेल के अंदर जाने से रोका गया। कुछ देर तक चली बहस के बाद जेल अधीक्षक केवल अध्यक्ष को अंदर लेकर जाने को तैयार हुए। इस दौरान जेलर द्वारा कहा गया कि जो भी बयान होगा उसे वे (जेलर) लिख देंगे। आखिरकार किरणमयी नायक को अकेले ही अंदर जाना पड़ा।

‘सभी महिलाओं के साथ हुई है मारपीट’

जेल से महिलाओं से मुलाकात के बाद किरणमयी नायक ने बताया कि उन्होंने सभी 33 महिलाओं का बयान लिया है। सभी के साथ पुलिस द्वारा पिटाई की गई है और इनके शरीर में आयी चोटों को भी उन्होंने देखा है। किरणमयी ने बताया कि सबसे गंभीर बात तो यह है कि पुलिस की पिटाई से मृत प्रशांत साहू की मां और पत्नी को अभी भी जेल में रखा गया है। वे इस मामले की रिपोर्ट हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राजयपाल के सुपुर्द करेंगी।

बता दें की इसी मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश भर में बंद का आह्वान किया था। शहरी इलाकों में इस बंद का मिला-जुला असर देखा गया।

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