रायपुर। ACB की भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। ACB की अलग-अलग टीमों ने दूसरे दूसरे दिन 4 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की। ACB ने पहली कार्रवाई महासमुंद में तो दूसरी जीपीएम जिले के गौरेला में की।

सरायपाली के रजिस्ट्री ऑफिस में छापा

ACB की 11 सदस्यीय टीम ने आज महासमुंद जिले के सरायपाली स्थित सब रजिस्ट्रार ऑफिस में दबिश दी। यहां उप पंजीयक पुष्पलता लिली बेक को 26 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि पुष्पलता लिली बेक ने वीरेन्द्र पटेल नामक ग्रामीण से पांच एकड़ दान की जमीन की रजिस्ट्री के एवज में 11 हजार रजिस्ट्री फीस के अलावा 35 हजार रुपये की मांग की थी। मोलभाव के बाद उप पंजीयक से मय रजिस्ट्री में 26 हजार रूपये में सौदा हुआ।

इस मामले में प्रार्थी वीरेंद्र पटेल ने वाइस रिकार्ड कर एसीबी को दिया था, जिसके बाद ट्रैप करने की यह कार्यवाही की गई।

उप पंजीयक के साथ सहयोगी तांडी भी गिरफ्तार

इस ट्रेप में आरोपिया लिली पुष्पलता बेक के साथ उसके सहयोगी शत्रुघ्न तांडी को भी पकड़ा गया। आरोपी लिली के निवास स्थानों पर अनुपातहीन संपत्ति के संबंध में तलाशी की कार्यवाही जारी है। उल्लेखनीय है कि लिली पुष्पलता बेक के विरूद्ध ब्यूरो में पूर्व में भी पद के दुरूपयोग का मामला जिसमें शासकीय पंजीयन राशि में हेरफेर कर क्रेता को लाभ पहुंचाने के लिये अपराध क्रमांक 04/2018 धारा 7, 13 (1) (डी), 13(2) के तहत अपराध दर्ज कर चालान की कार्यवाही की गई थी। मामला वर्तमान में न्यायालय में विचारणाधीन है।

मनरेगा के बदनाम लोकपाल को ऐसे पकड़ा

ACB की एक और टीम ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में कार्रवाई की। यहां आबादी वाले इलाके में एक स्थान पर छापा मारकर एसीबी की टीम ने लोकपाल को 25000 रुपये घूस लेते पकड़ा है। प्रत्येक जिले में लोकपाल की नियुक्ति महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत पंचायतों में होने वाले कामकाज में गड़बड़ी की शिकायत की जांच और कार्रवाई की अनुशंसा करने के लिए होती है। मगर यहां का लोकपाल आरोपियों को बचाने के एवज में रिश्वत की मांग करता था।

जनपद के कार्यक्रम अधिकारी ने की थी शिकायत

इस मामले में शिकायत करने वाले जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी रौशन श्राफ ने मीडिया को बताया कि लोकपाल वेदप्रकाश पांडे उसे दो साल से परेशान कर रहे थे। कोई भी शिकायत हो तो वे उसे फंसा देने की धमकी देते थे। रौशन का कहना है कि हर शिकायत की जांच में वे निर्दोष साबित हुए हैं, बावजूद इसके लोकपाल द्वारा अपनी जांच में उसके खिलाफ व्यक्तिगत तरीके से टिप्पणी की जाती थी। रौशन ने बताया कि इस लोकपाल की भ्रष्ट गतिविधियों की शिकायत जिला कलेक्टर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर की गई थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस बार अमृत सरोवर योजना के तहत एक तालाब की खुदाई हुई, इसमें भी खुदाई अच्छी तरह नहीं होने और तालाब में पानी नहीं होने की रिपोर्ट तैयार करने की बात कहकर लोकपाल ने रुपयों की मांग की। रौशन का कहना है कि वह लोकपाल वेदप्रकाश पांडे से काफी परेशान था और इसी वजह से उसने इसकी शिकायत ACB से की।

ACB के अधिकारी के एन आदित्य ने बताया कि शिकायत में रौशन श्राफ ने जानकारी दी थी कि लोकपाल वेदप्रकाश पांडे ने उसे लगातार तीन बार नोटिस भेजकर तालाब निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाया और उससे आखिर में 25 हजार रूपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत की पुष्टि होने पर उसे योजनाबद्ध ढंग से रौशन ने एक एटीएम के पास यह कहकर बुलाया गया कि वह उसे तत्काल मशीन से रूपये निकाल कर देगा। ACB के अधिकारी ने बताया कि टीम ने रौशन को पहले से ही केमिकल लगा नोट दे दिया था। जिसे रिश्वत के रूप में देते समय लोकपाल वेदप्रकाश पांडे को पकड़ लिया गया।

इधर शिक्षा विभाग का बाबू भी पकड़ाया

एसीबी के अफसरों ने बताया कि शिक्षा विभाग के भ्रष्‍ट बाबू के खिलाफ एसीबी की बिलासपुर इकाई को शिकायत मिडिल स्कूल खम्हार तहसील खरसिया जिला जिला रायगढ़ में पदस्थ शिक्षक उमेन सिंह चौहान ने की थी।चौहान ने एसीबी को बताया कि उसकी पत्नी के इलाज से संबंधित मेडिकल बिल पास कराने के एवज में स्कूल का बाबू ओमप्रकाश नवरत्न उससे 25000 रुपए रिश्वत मांग रहा है। वह उसे रिश्वत न देकर उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता है। इस पर शिकायत का सत्यापन कराए जाने के बाद एसीबी बिलासपुर द्वारा आरोपी को ट्रैप करने की योजना बनाई गई और आज प्रार्थी को रिश्वत रकम 25000रुपए आरोपी को देने के लिए खम्हार स्कूल रायगढ़ भेजा गया था।

यहां आसपास मौजूद एसीबी की टीम ने रिश्वत की रकम लेते ही आरोपी को स्कूल में ही पकड़ लिया गया। इससे स्कूल में और आसपास हड़कंप मच गया। पकड़े गए आरोपी ओमप्रकाश नवरत्न पिता जैतराम नवरत्न से रिश्वत की रकम 25000रुपए बरामद की गई। एसीबी के द्वारा उसके विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है।

कबीरधाम जिले में सहायक लेखाधिकारी आया गिरफ्त में

एक अन्य मामले में प्रार्थी मोती बैगा, ग्राम कुकरापानी, तहसील बोडला, जिला कबीरधाम द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसकी पत्नी ग्राम पंचायत, कुकरापानी की सरपंच है। शासन द्वारा उसके ग्राम पंचायत को आगनबाडी भवन कार्य के लिये 11.69 लाख रूपए स्वीकृत किये गये थे। स्वीकृत धनराशि का आहरण जनपद पंचायत बोडला कार्यालय से होना था, लगभग 05.84 लाख रूपए ग्राम पंचायत को जारी भी कर दिये गये थे। परन्तु कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी नरेन्द्र कुमार राउतकर द्वारा अगली किश्त जारी करने हेतु 01 लाख रूपए रिश्वत की मांग की गई थी।

पीड़ित ने मामले की शिकायत ACB से की और फिर सत्यापन के बाद आज 12 सितम्बर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी नरेन्द्र कुमार राउतकर को प्रार्थी से 1 लाख रूपए रू० रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

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