0 सीसीएन केबल टीवी नेटवर्क को हड़पने रची साजिश,
0 तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा का डर दिखाकर ऑफिस में बंधक बनाया
0 करोड़ों का किया गबन, गुरुचरण सिंह होरा, बेटा तरणजीत और अन्य के खिलाफ पुलिस ने किया जुर्म दर्ज….
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकाल में चंद प्रशासनिक अधिकारियों के बूते अपना रसूख कायम करने वाले केबल संचालक गुरुचरण सिंह होरा के खिलाफ पुलिस ने करोड़ों की धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है। अब तक इस शख्स ने न जाने कितने लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुकदमा दर्ज करवाकर उन्हें जेल भिजवाया है। चूंकि अब उसे बचाने वाले प्रमुख आईएएस अधिकारी और उनके धंधे में तथाकथित पार्टनर खुद जेल में हैं, तब जाकर ऊँट पहाड़ के नीचे आया है।
दरअसल मुंगेली-बिलासपुर के कारोबारी और केबल संचालक अशोक अग्रवाल को गुरुचरण सिंह होरा ने कुछ समय पूर्व ही फर्जी दस्तावेजों के सहारे धोखाधड़ी के आरोप में फंसाकर उनके खिलाफ कार्रवाई कराई, जिसके बाद अशोक अग्रवाल ने होरा का कच्चा चिटठा खोलते हुए अब उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। अपने FIR में अशोक अग्रवाल ने बताया है कि किस तरह अशोक अग्रवाल ने पार्टनर नहीं होते हुए भी उनके केबल के व्यवसाय पर जबरिया कब्ज़ा कर लिया।
जानिए क्या है मामला..?
हैथवे-सी.सी.एन.मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे राजनीतिक रसूख और प्रशासनिक दबाव के दम पर अनधिकृत रूप से कब्जा करने, फर्जी दस्तावेज बनाकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने, गबन करने, आपराधिक साजिश रचने के मामले में रायपुर देवेंद्र नगर थाना पुलिस ने कारोबारी अशोक अग्रवाल के बेटे अभिषेक अग्रवाल की शिकायत पर भूमाफिया गुरु चरण सिंह होरा, उसके बेटे तरण जीत सिंह होरा, गुरमीत सिंह भाटिया और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र के गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोपी गुरुचरण सिंह होरा ने वर्ष 2019-2020 मे हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड मे भागीदार गुरमीत सिंह भाटिया के कंधे का सहारा लेकर, हैथवे सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे अवैध रूप से प्रवेश करना चाहा.कारोबारी ने आरोप लगाया है कि आरोपी गुरुचरण सिंह होरा ने तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा का डर दिखाकर ऑफिस में बंधक बनाया, जबरन कोरे कागज पर साइन कराने का प्रयास किया। फिर षड्यंत्र कर कंपनी पर कब्जा कर लिया।
गुरुचरण सिंह होरा की ये है काली करतूत
केबल व्यवसाय में एक छत्र राज करने की नीयत से गुरचरण सिंह होरा नें उच्च अधिकारियों का डर और भय पैदा करके धीरे-धीरे षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया. पूर्व सरकार में प्रभावशाली एक रिटायर्ड आईएएस का सहयोग लेकर गुरुचरण सिंह होरा नें केबल व्यवसाय से जुड़े करीब 20 लोगों के ऊपर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानो में फर्जी FIR दर्ज कराया. प्रार्थी नें बताया की वर्ष 2019-20 मे हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड का अल्प भागीदार गुरमीत सिंह भाटिया का रिश्तेदार गुरुचरण सिंह होरा कंपनी के कार्यों में आपराधिक नियत एवं दुर्भावना से हस्तक्षेप करने लगा और कभी कभी कंपनी के ऑफिस में आकर वह बोलता था कि इस कंपनी का मालिक मैं हूं और इस कंपनी में गुरमीत सिंह भाटिया द्वारा लगाया गया पैसा मेरा है और गुरमीत सिंह भाटिया तो केवल नाम का पार्टनर है.इस तरह गुरु चरण सिंह होरा नें हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड मे अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया.
कंपनी के डायरेक्टर की अनुपस्थिति को दिखाया उपस्थित और कर दिया खेल :-
आरोपी गुरुचरण सिंह होरा ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की गुप चुप तरीके से अवैध रुप से बैठक बुलवाई, और उस बैठक मे आवेदक अभिषेक अग्रवाल की उपस्थिति दर्ज कर दी, जबकि डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल उस बैठक मे नहीं गये थे. गुरुचरण सिंह होरा और उसकी टीम नें आपराधिक षड़यंत्र रचते हुए हैथ्वे सी. सी. एन. मल्टीनेट प्रायवेट लिमिटेड को अभिषेक अग्रवाल की बिना सहमति और बिना हस्ताक्षर के कुटरचना कर धोखाधड़ी से कंपनी का नाम ग्राण्ड अर्श मल्टीनेट प्रायवेट लिमिटेड कर लिया और कंपनी की सारे उपकरण, कार्यालय, कार्यालय के फर्नीचर और कार्यालयीन दस्तावेजों पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया और कंपनी के करीब 48,500 नग सेटऑप बॉक्स जिसका बाजार मूल्य लगभग चार करोड़ पचीस लाख रुपये है, को छल एवं धोखे से अपने अवैध कब्जे मे लेकर अपनी नई कंपनी में लगाकर इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही गुरुचरण सिंह होरा ने कंपनी के हक, हिस्से का लगभग 150 किलो मीटर फाईबर केबल एवं अन्य तकनीकी उपकरण रातो-रात गायब कर दिया और नई कंपनी अर्श मल्टीनेट कंपनी प्रायवेट लिमिटेड में डायरेक्टर बन गया।
इसी प्रकार कंपनी के सेटऑप बॉक्स को अपनी कंपनी में अवैध रुप से धोखाधड़ी एवं छल से हासिल कर उपयोग करने का प्रमाण स्वयं ग्राण्ड विजन रायपुर द्वारा भेजे ई-मेल में मौजूद है, जिसमें हैथ्वे सी. सी.एन. प्रायवेट लिमिटेड रायपुर के 48,659 सेटटाप बॉक्स को टेक ओवर करने की स्वीकृति प्रमाणित आवश्यक दस्तावेज है.
बंधक बनाकर जबरन सिग्नेचर करवाने की कोशिश:-
16 मई 2020 को जब अभिषेक अन्य दो सहयोगियों के साथ ऑफिस पहुंचा। तो वहां पर गुरुचरण सिंह होरा, उसका बेटा तरणजीत सिंह होरा, अनमोल गारूढ़ी, हितेश व्यास और हथियारों से लैस बाउंसर मौजूद थे।
अभिषेक अग्रवाल के मुताबिक, उसके ही ऑफिस में उसे बंधक बनाकर साइन करने के लिए दबाव बनाया गया। उसने पुलिस से मदद लेना चाहा, लेकिन फोन छीन लिया गया। अभिषेक जब देवेंद्र नगर थाने पहुंचा तो वहां के ड्यूटी इंचार्ज ने भी उनकी मदद नहीं की। उसके बाद फोन से तत्कालीन SP और रायपुर IG को शिकायत की गई। लेकिन वहां से भी कुछ मदद नहीं मिली।
होरा के खिलाफ कई मामले हैं दर्ज
गुरुचरण सिंह होरा का नाम शुरू से ही विवादों के साथ जुड़ा रहा हैं, बताते चले की गुरचरण सिंह होरा के खिलाफ रायपुर जिला प्रशासन ने करोड़ों की बेशकीमती शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में कार्रवाई की थी।
(1) पूर्व सरकार मे हुए शराब घोटाले मे गिरफ़्तार आरोपियों से गुरुचरण होरा के व्यावसायिक संबंध रहे है. ED के द्वारा आरोपियों के मोबाइल फोन मे गुरुचरण सिंह होरा के साथ चैटिंग है. इस मामले मे ED गुरुचरण सिंह होरा से भी पूछताछ कर चुकी है. और अभी भी वह ED के जाँच मे है.
(2) गुरुचरण सिंह होरा के निवास पर 29/02/2020 को केंद्रीय आयकर कि टीम नें दबिश देकर, जाँच कार्यवाही कि थी.इस दौरान पैसो के साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज आईटी नें जप्त किए थे.
(3) गुरुचरण सिंह होरा के खिलाफ उसी कि संस्था मे काम करने वाली महिला पत्रकार ने यौन शोषण कि शिकायत दुर्ग के सुपेला थानें मे फरवरी 2024 मे दर्ज कराई थी.
(4) होरा के खिलाफ एक आरोप यह भी है कि उसने पूर्व में भी कई शहरों के केबल ऑपरेटरों से दबावपूर्वक केबल का संचालक सौंपने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए हैं। एक मौका यह भी था कि जेल में बंद अपने कुछ पार्टनरों से अपने रसूख के बूते जेल में ही पार्टनरशिप वापस करने के कागज पर दस्तखत करवाए गए।
अभिषेक अग्रवाल द्वारा कराए गए FIR का मजमून इस प्रकार है:
आवेदक अभिषेक अग्रवाल द्वारा थाना देवेन्द्र नगर मे दिया गया शिकायत पत्र क्रमांक लो.शि.237/24 दिनांक 10.08.2024 की जांच दौरान आवेदक अभिषेक अग्रवाल गवाह संजय खन्ना,अशोक अग्रवाल,गजराज पगारिया,अजीत कुमार दुबे का कथन लिया गया है अनावेदक गुरूचरण सिंह होरा व अन् य को कथन के लिये एवं शिकायत के संबध मे अपना पक्ष रखने हेतु व जांच मे सहयोग करने के लिये बार-बार सुचना देने के बावजुद भी जांच मे सहयोग नही किया गया आवेदक एवं गवाहो के कथन व आवेदन पत्र अवलोकन पर से प्रथम दृष्टया धारा 318(4),316(2),61(2)3(5)बीएनएस का अपराध घटित होना पाये जाने से आरोपियान गुरूचरण सिंह होरा,तरणजीत सिंह होरा,गुरमीत सिंह भाटिया एवं अन्य के विरूध्द धारा 318(4),316(2),61(2)3(5) बीएनएस का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना मे लिया गया। आवेदक अभिषेक अग्रवाल का आवेदन पत्र नकल जैल है सेवा में श्रीमान माननीय पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर (छ.ग.) विषय – गुरुचरण सिंह होरा पिता स्वण् अजीत सिंह होरा निवासी सेक्टर. 4 देवेन्द्र नगर रायपुर एवं उसके आपराधिक सहयोगियों द्वारा अपने राजनैतिक रसूख एवं आपराधिक बाहुबल से हमारी कंपनी हैथ्वे सी.सी.एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड, पगारिया काम्पलेक्स रायपुर को छल करके जबरन कब्जा कर कूटरचित दस्तावेजो से कम्पनी का नाम बदलकर ग्राण्ड अर्श मल्टीनेट प्राईवेट लिमिटेड रखकर धोखाधड़ी,आपराधिक न्यासभंग और छल करके कंम्पनी का अवैध और आपराधिक संचालन कर आर्थिक गबन कारित करने एवं धोखाधड़ी कर कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा बदनियतिसे हड़पने बाबत् सूचन। माननीय महोदय मै अभिषेक अग्रवाल पिता श्री अशोक अग्रवाल निवासी श्री कृषण राईस मिलए मुंगेली रोड, बिलासपुर छ.ग.आपके समक्ष समुचित न्यायदान हेतू निम्न निवेदन विनम्रता पूर्वेक प्रस्तुत करता हुं माननीय महोदय मै अभिषेक अग्रवालए दुलाल बनर्जी,मयूर गोविन्दभाई कनानी, सुधीर सरीन, सुनील सेठी, राजेश मित्तल, संजय खन्ना, गिरीराज गर्ग एव गुरमीत सिंह भाटिया ने मिलकर रायपुर में केबल टी.वी. का व्यवसाय करने हेतु हैथ्वै सी.सी.एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई। उक्त कंपनी का रजिस्टर्ड आफिस पगारिया काम्पलेक्स रायपुर छ.ग.में स्थापित किया गया है जहां कंपनी के संचालकगण का चैम्बर भी है । हैथ्वै सी.सी.एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में शेयर होल्डर एवं शेयर होल्डरों का शेयर प्रतिशत क्रमशः अभिषेक अग्रवाल 16.33% गिरीराज गर्ग 16.33%, गुरुमीत सिंह भाटिया 16.33% (गुरुमीत सिंह भाटिया जो कि गुरुचरण सिंह होरा के रिश्तेदार है) तथा हैथ्वे डाटाकम मुम्बइं का समग्र रूप से शेयर होल्डर शीप 51.00% (जिसके डायरेक्टर निम्नलिखित दुलाल बैनेर्जी, मयूर गोविन्दभाई कनानी,सुधीर सरीन, सुनील सेठी एवं राजेश मित्तल थे) रहा है। कंपनी गठित होने के बाद समस्त विधिक औपचारीकताऐं पूरी कर कंपनी ने केबल टीवी का व्यवसाय रायपुर मैं शुरु कर दिया था। कंपनी के शुरुवात से माह मईं 2020 तक सभो कपनी एकांउट नियमों का पालन करते हुए संचालित होते रहे। कंपनी का ऑडिट भी प्रतिवर्ष होता था और रजिस्ट्रारऑफ कंपनी एक्ट के तहत मई 2020 तक कंपनी अधिनियम एवं अन्य कंपनी संबंधित विधि का पालन होता रहा एवं कंपनी के सभी प्रकार और प्रकृति के आर्थिक लेन-देन और व्यवसायिक संव्यवहार कंपनी के बैंक एकांउट के माध्यम से होता था। दिसंबर 2018 में प्रदेश में नई कांग्रेस सरकार आने के बाद कंपनी के अल्प शेयर भागीदार डायरेक्टर गुरमीत सिंह भाटिया का रिश्तेदार गुरुचरण सिंह होरा कंपनी के कायों में आपराधिक नियत एवं दुर्भावना से हर्तक्षेप करने लगा और कभी कभी कंपनी के ऑफिस में आकर वह बोलता था कि इस कंपनी का मालिक मै हूं और इस कंपनी में गुरमीत सिंह भाटिया द्वारा लगाया गया पैसा मेरा है और गुरमीत सिंह भाटिया तो केवल नाम का पार्टनर है धीरे-धीरे गुरुचरण सिंह होरा का अनाधिकृत हस्तक्षेप हमारी कंपनी हैथ्वै सी.सी.एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड के संचालन एवं आर्थिक संव्यवहार के मामलें में बढ़ता गया और वर्ष 2019 और 2020 के दौरान वह पूर्वर्ती सरकार के अत्यधिक प्रभावशाली उच्च अधिकारी अनिल टुटेजा के नाम से मेरे उपर दबाव बनाने लगा कि आप हैथ्वै सी.सी.एन. मल्टीनेट प्रइवेट लिमिटेड रायपुर की 16.33 % की हिस्सेदारी मेरे नाम ट्रांसफर कर कंपनी से बाहर हो जाओ और अब तुम कंपनी के ऑफिस में आना जाना बंद कर दो वरना सरकार मेरी है और अनिल टुटेजा जो कि इस सरकार को चला रहा है वो मेरा ग्रैण्ड विजन में अघोषित पार्टनर है हम दोनो मिलकर छत्तीसगढ़ के केबल व्यवसाय से एक-एक को बाहर करेगे और जो समझोते से मानेगाए तो ठीक है अन्यथा पुलिस और प्रशासन का दबाव डालकर सबको हटाया जायेगा और पुरे छत्तीसगढ के केबल व्यवसाय मे हमारा एकाधिकार रहेगा और केवल हम ही केबल टी.वी. चलायेगें और मुझसे कहा कि तुमको अनिल टुटेजा का पावर तो पता ही होगा कि वो तुम्हारा और तुम्हारे पिताजी के साथ क्या-क्या कर सकता है। ेगुरुचरण सिंह होरा की इन सभी बातों को मैंने प्रारंभ में यह सोचकर गंभीरता से नही लिया कि हमारी कंपनी पूरी तरह से समरसत नियमों का पालन करते हुए व्यवसाय कर रही है इसलिए मुझे किसी बात का भय नही होना चाहिए । दिनांक 16 मईं 2020 को में अपनी कंपनी के पगारिया कांपलेक्स रायपुर स्थित ऑफिस में पहुंचा तो वहां गुरूचरण सिंह होरा उसका बेटा तरणजीत सिंह होरा, अनमोल गारूड़ी, हितेश व्यास एवं उनक साथ कई सशसत्र बाउंसरों वहां पहले से ही उपसिथित थे जबकि मेरे साथ केवल हमारी कंपनी क डायरेक्टर संजय खन्ना और सहयोगी अजीत दुबे थे । उस दिन में जैसे ही अपने ऑफिस में अकेले प्रवेश किया वैसे ही उक्त सभी लोग एक राय होकर मुझे मेरे ही ऑफिस मे बंधक बनाकर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने हेतु दबाव बनाने लगे इस दौरान जब पुलिस से मदद लेने के लिये फोन लगाना चाहा तो मेरा फोन गुरूचरण सिंह होरा ने छीन लिया । मै उनके अचानक इस तरह के दबाव पूर्वक कृत्य से अत्यांधक भयभीत हो गया था और किसी भी प्रकार से ऑफिस से निकलना चाह रहा था तो मैंने गुरुचरण होरा से कहा कि आप मुझे जाने दिजिए मैं अपने पिताजी एवं अन्य डायरेक्टरों से बात करके अपना शेयर दे दूगा। तब यह लोग मुझसे ऑफिस जाने दिये। मै बाहर आकर तुरत थाना देवेन्द्र नगर रायपुर गया वहा पर उपरिथत डुयूटी इंचाज ने मेरी बात सुने बगैर ही कहा कि आप अभिषेक अग्रवाल है तो मैंने कहा कि हां में अभिषेक अग्रवाल हूं डयूटी इंचार्ज की यह बात सुनकर कि वह मुझे जानता है मैं चौक गया। डयूटी इंचार्ज ने मुझसे कहा कि आपको नही कि आप किससे लड़ रहे हो आपके खिलाफ गुरुचरण सिंह होरा जी का फोन आया है कि आप उनके पगरिया कांपलेक्स स्थित आफिस में जबरन घुसने का प्रयास किये हो जिसके लिए आपके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है । महोदय, डयूटी इंचार्ज की यह बात सुनकर मै थाने से बाहर आ गया (जबकी महोदय वो ऑफिस हमारी कंपनी का है और मै विगत कई वषों से कंपनी का शेयर होल्डर एवं डयरेक्टर होने के नाते कंपनी के काम काज को देखने के लिए आता- जाता रहा हुं ) उसके बाद में तत्कालीन एस.एस.पी. महोदय से उनके सरकारी मोबाईल नं ********** पर बात करने की कोशिश किया लेकिन फोन नही उठा फिर तत्कालीन आई जी के मोबाईल ********** पर फोन लगाया तो उन्होने कहा कि आप गुरुचरण सिंह होरा से मत लगो, व सरकार के बहुत करीब है। मैं बोल देता हूंए जाकर एस. पी. से मिल लो तब मैं एस.पी. कार्यालय गया तो मैंने देखा कि गुरुचरण सिंह होरा की गाड़ी वहा पर पहले से खड़ी थी और उसके वही सशस्त्र बाउंसरों बाहर खडे जो मुझे बंधक बनाने के समय ऑफिस में थे। में भयभीत होकर यह सब बातें अपने पिताजी श्री अशोक अग्रवाल को बताया तो वो बोले कि वापस आ जाओ तब मैं वापस आ गया । उक्त घटना बाद में और मेरे पिताजी उच्च पुलिस अधिकारियों एवं छ0ग0 सरकार के जन प्रतिनिधियों से लगातार मिलकर अनेक बार निवेदन करते रहे कि गुरुचरण सिंह होरा द्वारा इस प्रकार का आपराधिक कृत्य कर मेरे केबल व्यवसाय को हडपने का प्रयास किया जा रहा है, के मामले हसतक्षेप करे और मुझे न्याय दिलवाने की पहल करे परन्तु सभी केवल यह बोलते थे कि आप गुरुचरण सिंह होरा से मत लगो और अपना हिस्सा गुरुचरण सिंह होरा को दे दो लेकिन मैं इस तरह से दादागिरी के तरीके से अपना हिस्सा देने को तैयार नहीं था और ना ही उसे हिस्सा दिया। 2020 को रायपुर पुलिस एक टीआई के साथ भारी पुलिस बल लेकर मेरे घर आकर इसके बाद दबिश दी उस वक्त मैं और मेरे पिताजी दोनों घर पर नही मिले तब टीआई साहब मेरे स्टाफ कमल को बताकर गये कि अशोक अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, संजय खन्ना के विरुद्ध थाना देवन्द्र नगर में 10 जून 2020 को धारा 420,409 ,34, बी भा.द.स. अंतर्गत एफ आई आर हुआ है उनको थाना भेज देना अशोक अग्रवाल ने गुरुचरण सिंह होरा से पंगा लिया है बहुत महगा पड़ेगा । में और मेरे पिता जी अकारण पुलिस हस्ताक्षेप और झूठी एफ.आई.आर. दर्ज होने की खबर से बहुत भयभीत हो गये और रायपुर निवासी गजराज पगारिया जी को पुरी बात बताए तब वह बोले कि मै गुरुचरण सिंह होरा से बात करके मे एक दिन आपको बताता हूं। इस दौरान में और मेरे पिताजी गिरफ्तारी से भयभीत होकर डरा सहमा जीवन व्यतीत कर रहे मैं थे तब पता चला कि हमारे विरुद एक एफआईआर थाना सुपेला जिला दुर्ग में एफआईआर क्रमांक 391/2020 दर्ज हो गयी है और है उक्त एफआईआर की भाषा, आरोप की प्रकृति, अपराध की विषय वस्तु सभी कुछ पुलिस थाना देवन्द्र नगर रायपुर मे दर्ज एफआईआर क्रमांक 51/2020 की ही कपी पेस्ट की है। इस प्रकार हम लोगो क विरुद्ध लगातार गिरफ्तारी का भय बनाकर पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा था और हमारी शिकायत लेने को कोई पुलिस अधिकारी तैयार नही था जो कि स्पष्ट जाहिर हो रहा था कि यह सब अनिल टुटेजा के प्रशासनिक दबाव एवं सत्ता, पहुंच प्रभाव के अधीन गुरुचरण होरा के माध्यम से कराया जा रहा था। उक्त दबाव पूर्वक एवं आपराधिक नियत से की जा रही बिना किसी आधार के कार्यवाही से होने वाले अहित को देखते हुए गजराज पगारिया जी के हस्तक्षेप से उनक आवास पर दिनांक 20.09.2020 को गुरुचरण सिंह होरा के साथ मीटिंग करवाई गई । मीटिंग में गुरुचरण सिंह होरा ने मुझसे बोला कि मैंने हैथ्वे वाले डायरेक्टरों ने से 51 प्रतिशत और गिरीराज गर्ग का 16 प्रतिशत शेयर ले लिया हूं और अब आप अपना शेयर चुप चाप मुझे दे दिजिए नही तो बाहर पुलिस खड़ी हैए अभी रायपुर दूसरो एफआईआर करवाता हू। उक्त स्थिति में मै और मेरे पिताजी में भयभीत होकर गजराज पगरिया जी के मध्यरथा में एक 100रूपये के स्टम्प पेपर पर हस्ताक्षर कर दिये और अपने आप को एक और नई आपराधिक कार्यवाही से बचा लिये। महोदय, गुरुचरण होरा की हमारी कम्पनी कोई विधिक हैसियत नही है और न ही उसे कंपनी के किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की अधिकारिता है। इसके बावजूद उसने अपने आप को सौ रुपये के स्टाम्प में एक पक्षकार क रूप में प्रस्तुत कर हस्ताक्षर कर मुझे एवं मेरे पिताजी को भय दिखाकर आपराधिक नियत से छल करते हुए बैक डोर से मेरी कंपनी के केबल व्यवसाय में अपने आप को डालने का कृत्य किया। जबकि इकरानामा में दर्शित कंपनी हैथ्वै सी.सी.एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड में गुरुचरण सिंह होरा न ही कंपनी का कर्मचारी है और न ही न लो कंपनी का डयरेक्टर कंपनी ने उसे इस प्रकार के किसी दस्तावेज मे हरस्ताक्षर करने हेतु अधिकृत किया है। उक्त इकरानामा के शत्तों के अनुसार गुरमीत भाटिया को मेरे और सभी डयरेक्टरो के विरुद्ध रायपुर और दुर्ग में किये गये एफआईआर को समझौते के आधार पर वापस लेना थाए लेकिन उक्त शर्त का उल्लंघन करते हुए उसने अपनी प्रारंभ से सुनियोजित तौर पर आपराधिक षड़यंत्र कर मेरे केबल व्यवसाय पर कब्जा करने की बनाई आपराधिक नियत से कार्य करना शुरु कर दिया और हमारे हैथ्वे सी.सी.एन.मल्टीनेट प्रायवेट लिमिटेड को बिना मेरी सहमति और बिना मेरे हस्ताक्षर कुटरचना(की गयी कार्यवाही: चूंकि उपरोक्त जानकारी से पता चलता है की अपराध करने का तरीका मद सं. 2 में उल्लेख धारा के तहत है)