0 रेत माफिया और पुलिस की मिलीभगत से पत्रकारों को फंसाने का लग रहा है आरोप…
जगदलपुर। पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखने के मामले में पुलिस विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए कोंटा थाने के टीआई अजय सोनकर को पहले तो सस्पेंड किया, फिर उनके खिलाफ FIR दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया है कि अजय सोनकर के खिलाफ धारा 324 और 331 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
रेत की रिपोर्टिंग और टीआई का रवैया
हुआ यूं कि दंतेवाड़ा और सुकमा के चार पत्रकार बप्पी राय, धर्मेन्द्र सिंह, मनीष सिंह और निशु त्रिवेदी कोंटा क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन की रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे थे। उन्होंने शबरी नदी से रेत लोड कर तेलंगाना के हैदराबाद जा रहे ट्रकों का कवरेज किया और VIDEO बनाया। खबर है कि इन पत्रकारों का विवाद ड्राइवर से हुआ और इसकी सूचना पर कोंटा TI अजय सोनकर मौके पर पहुंचे। यहां प्रारंभ में TI ने उलटे पत्रकारों को ही धमकाना शुरू कर दिया। बात जब बढ़ी तो वे दो ट्रकों को थाने ले गए, मगर इन वाहनों को बाद में छोड़ दिया गया।
पत्रकारों की गाड़ी में मिला गांजा..!
रिपोर्टिंग के लिए निकले पत्रकार कोंटा में ही RSN लॉज में रुक गए। अगले दिन जब पत्रकार कोंटा सीमा पार कर आंध्र प्रदेश के चट्टी क्षेत्र में पहुंचे, तो वहां की चिंतुरु पुलिस ने उनकी गाड़ी की चेकिंग की और 40 किलो गांजा मिलने का आरोप लगाते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। वाहन में गांजा मिलने की बात से पत्रकार भी भौंचक रह गए।
इस मामले की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के पत्रकार सक्रिय हो गए। चिंतुरु की पुलिस ने इस दौरान पत्रकारों के वाहन में 15 गांजा बरामद होने मामला बनाते हुए उनकी गिरफ़्तारी की और न्यायालय में पेश करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।
गृहमंत्री तक पहुंचा मामला
यह गंभीर गंभीर होने के कारण प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा तक जा पहुंचा और उनके दिशा-निर्देश पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने आंध्र प्रदेश के आईजी से इस मामले पर चर्चा की।
षड्यंत्र का ऐसे हुआ खुलासा
गिरफ्तार किये गए पत्रकार इस सोच में थे कि उनकी कार में आखिर गांजा आया कैसे? तभी उन्हें ध्यान आया कि वे रात को कोंटा के एक होटल में रुके थे। हो न हो रात के वक्त किसी ने षड्यंत्रपूर्वक कार में गांजा रख दिया हो। इस मामले की जानकारी मिलते ही सुकमा-कोंटा के स्थानीय पत्रकार उस होटल में पहुंचे और होटल मालिक से वहां के CCTV फुटेज दिखाने को कहा। यहां मौजूद पत्रकारों ने फुटेज में देखा कि दो शख्स कार को खोलने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकार इस फुटेज को अपने मोबाइल के कमरे में कैद कर ही रहे थे कि तभी कोंटा TI अजय सोनकर की इस होटल में इंट्री होती है।
DVR उठा ले गए TI सोनकर
यहां मौजूद पत्रकारों ने बताया कि TI ने यहां पहुंचते ही होटल मालिक को CCTV फुटेज दिखाने से रोक दिया। इसके बाद वे CCTV का DVR अपने साथ लेकर चले गए। बाद में उन्होंने DVR को वापस कर दिया। यह वाकया 10 अगस्त का है।
हफ्ते भर का फुटेज हुआ गायब
होटल मालिक को DVR वापस मिलने के बाद स्थानीय पत्रकार जब दोबारा वहां पहुंचे और फुटेज देखना चाहा तब पता चला कि DVR से बीच के हफ्ते भर का फुटेज गायब है। इससे साफ़ हो गया कि टीआई सोनकर ने फुटेज डिलीट करवा दिए हैं। पत्रकारों ने इसकी शिकायत सुकमा SP किरण चव्हाण से की।
विभागीय जांच के बाद TI किये गए गिरफ्तार
पत्रकारों को षड्यंत्र रचकर फंसाये जाने की शिकायत पत्रकार संघ ने SP से की, जिसके बाद उन्होंने SDOP परमेश्वर तिलकवार के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई, पूरे घटनाक्रम की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि TI अजय सोनकर ने होटल से अवैधानिक तरीके से DVR उठाकर आपराधिक कृत्य किया है। इस आधार पर सबसे पहले TI को निलंबित किया गया, फिर उनके खिलाफ धारा 324 और 331 के तहत प्रकरण दर्ज किया किया गया और उन्हें गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया और जेल दाखिल कर दिया गया।
मामले में रेत ठेकेदार और दो अन्य भी हैं संदेही
इस मामले की जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि पत्रकार कोंटा के जिस RSN लॉज में रुके थे, 6 अगस्त से रेत ठेकेदार चंदू भी अपने साथियों समेत इसी लॉज में रुका था। वहीं स्थानीय पत्रकार इरशाद खान और उसका एक साथी माड़वी पवन पत्रकार बप्पी राय और अन्य के साथ होटल में मौजूद रहे। जांच रिपोर्ट के मुताबिक इरशाद और पवन रात के वक्त दो बार अलग-अलग समय में कार को लेकर गए थे। आंध्र प्रदेश की पुलिस द्वारा पत्रकारों को गांजे के मामले में पकड़े जाने के बाद से इरशाद और पवन फरार हैं, इसलिए इनके ऊपर शक पैदा हो रहा है और इन दोनों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। शक इस बात का भी है कि रेत ठेकेदार चंदू और पुलिस ने इरशाद और पवन के साथ मिलीभगत करके कार में गांजा रखवाया होगा, या फिर रात के वक्त किसी और के जरिये यह कार्य करवाया गया है। इसका खुलासा दोनों के पकड़ में आने के बाद हो सकता है।
मामले का पूरा खुलासा होना है बाकी
सुकमा एसपी किरण चव्हाण के निर्देश पर इस मामले की गहन जांच की जा रही है, वहीं चिंतुरु पुलिस भी गांजे से संबंधित मामले की जांच कर रही है। टीआई के खिलाफ कार्रवाई के बाद जांच और भी गहराई से हो रही है। बहरहाल पत्रकार जगत की चिंता उन पत्रकार साथियों को लेकर है जिन्हें कथित तौर पर झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवा दिया गया है। इस मामले में कोंटा और आंध्रप्रदेश की चिंतुर पुलिस की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। फ़िलहाल प्रयास किया जा रहा है कि DVR से जो फुटेज उड़ा दिए गए हैं उन्हें किसी तरह रिकवर किया जाये, ताकि पत्रकारों को बेगुनाह साबित करने में मदद मिल सके।