रायपुर। सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कुछ नया नहीं है, बल्कि पुराने आदेश को ही साथ में चस्पा कर दिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने यह आदेश जारी किया है, जिसमें सन 2011 को विभाग द्वारा सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को लेकर जारी आदेश भी संलग्न किया गया है। नए आदेश में उल्लेख है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों को निजी प्रेक्टिस पर प्रतिबंध के संबंध में वित्त निर्देश 22/2011 में “लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों को निजी प्रेक्टिस करने की छूट रहेगी, परन्तु निजी प्रेक्टिस केवल कर्तव्य की अवधि के बाहर की जा सकेगी एवं नर्सिंग होम या प्रायवेट क्लीनिक में जाकर इस प्रकार की प्रेक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी” का प्रावधान है

इस पत्र में उल्लेख है कि “वर्तमान में यह पाया गया है कि उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। पुनः वित्त निर्देश 22/2011 की छायाप्रति संलग्न प्रेषित कर चिकित्सकों को निजी प्रेक्टिस पर प्रतिबंध के संबंध में उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।” इस तरह पूर्व में जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव ने दिए हैं। देखें नया और पुराना आदेश :

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