लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 60244 रिक्त पदों पर पुलिस कांस्टेबल भर्ती की हुई लिखित परीक्षा आज 31 अगस्त (शनिवार) को पांच दिन बाद खत्म हो गई है। यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा खत्म होने पर सीएम योगी ने परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बधाई दी है। इसके साथ ही सीएम योगी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और समस्त जनपदों के जिला प्रशासन को हृदय से धन्यवाद दिया है।
चयन परीक्षाओं के लिए मानक बनी यह परीक्षा
दरअसल इस बार हुई भर्ती परीक्षा में सरकार ने इस तरह के कड़े इंतजाम किये थे कि पेपर लीक नहीं हुए और न ही कोई फर्जीवाड़ा करने में सफल हुआ। यूपी की पुलिस भर्ती परीक्षा, चयन परीक्षाओं के लिए मानक बन गई है। यह परीक्षा पांच दिन में संपन्न हुई है। इस लिखित परीक्षा के लिए कहीं न कोई अव्यवस्था, न ही पेपर लीक की घटना सामने आयी। प्रश्न पत्र निर्धारण से लेकर छपाई और वितरण तक हर चरण की निगरानी और हर काम के लिए अलग एजेंसी को जिम्मेदारी मिली थी।
परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश, हुए 19 FIR
उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के चौथे दिन की परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश में 19 एफआईआर दर्ज किये गए और 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस दिन को पहली पाली में 71.51 फीसद, जबकि दूसरी पाली में 72.09 फीसद अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा के चौथे दिन प्रदेश भर में 1174 केंद्रों पर 6,91,936 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। वहीं चेकिंग के दौरान 94 संदिग्धों को चिन्हित किया गया।
तीन चरणों में चेकिंग के बाद दिया प्रवेश
इस परीक्षा के चौथे दिन सुबह की पाली में 33 संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गये। हालांकि इन्हें पेपर देने दिया गया। नकल विहीन और शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न कराने के लिए प्रदेश के सभी सेंटर पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद रही। परीक्षार्थियों को तीन चरणों की चेकिंग के बाद अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। परीक्षा के चौथे दिन सहारनपुर में तीन एफआईआर दर्ज की गई, जबकि चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
2 लाख 71 हजार ने बीच में छोड़ी परीक्षा
चौथे दिन कुल 2,71,677 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ी। प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के बाद 13.92 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचे। दोनों पालियों में 94 संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गए, जिनके फिंगरप्रिंट व आवेदनपत्र में भरे गए अन्य ब्योरे आधार कार्ड से मैच नहीं हुए। ऐसे सभी अभ्यर्थियों से पहचान पत्र व स्वप्रमाणित पत्र लेकर परीक्षा की अनुमति दी गई।
सॉल्वर समेत 57 आरोपी हुए गिरफ्तार
परीक्षा के दौरान सहारनपुर, फतेहपुर, एटा, जौनपुर, मेरठ व कानपुर व अन्य जिलों में तीन साल्वर समेत 22 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। पूरी परीक्षा के दौरान कुल 57 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण का कहना है कि जिन संदिग्ध अभ्यर्थियों को परीक्षा की अनुमति दी गई है, उनके दस्तावेजों की पूरी गहनता से जांच कराई जाएगी। जो अभ्यर्थी पूरी तरह से गड़बड़ पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी।
पेपर लीक से सबक लेकर किये कड़े इंतजाम
बता दें कि सिपाही भर्ती की परीक्षा पूर्व में 18 व 19 फरवरी को हुई थी, जिसका पेपर लीक हो गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। भर्ती बोर्ड ने 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को पांच दिनों में कुल 10 पालियों में दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय किया था। इस दौरान काफी कड़े इंतजाम किये गए।
AI आधारित CCTV से हुई निगरानी
नई रणनीति के तहत इस लिखित परीक्षा के लिए केवल सरकारी संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया था और पूरी परीक्षा AI आधारित सीसीटीवी की निगरानी में हुई थी। सीसीटीवी को भर्ती बोर्ड के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया और परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों का आधार सत्यापन हुआ। इसके साथ ही अभ्यर्थियों की प्रभावी तलाशी और जांच (HHMD द्वारा) पुलिस कर्मियों द्वारा सुनिश्चित की गई। वहीं महिला अभ्यर्थियों की चेकिंग केवल महिला पुलिस कर्मियों द्वारा की गई और परीक्षा केन्द्र व उनके परीक्षा कक्षों में, एन्ट्री/एग्जिट द्वार पर, स्ट्रांग रूम, परीक्षा केन्द्र के कॉरिडोर आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी लगाये गए।
फिंगर प्रिन्ट और आइरिश से हुआ सत्यापन
वहीं सभी अभ्यर्थियों के भौतिक सत्यापन के अतिरिक्त डिजिटल फोटो कैप्चरिंग, फेशियल रिकग्निशन, बायोमैट्रिक्स (फिंगर प्रिन्ट/आइरिश) एवं शत-प्रतिशत रियल टाइम आधार सत्यापन के उपरांत ही परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति प्राप्त हुई। कैमरों की मॉनिटरिंग जनपदीय कन्ट्रोल रूम एवं कमाण्ड सेन्टर, उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की गई।
गोपनीय सामग्रियों की हुई कड़ी सुरक्षा
इसके साथ ही गोपनीय सामग्री की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए विशेष स्थान ट्रेजरी/चिन्हित स्ट्रांग रूम पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए, जिसका 24×7 लाइव मॉनीटरिंग किये जाने का प्रावधान किया गया। गोपनीय सामग्री के सुरक्षित परिवहन हेतु प्रत्येक केन्द्र के लिए एक डेडिकेटेड वाहन एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट पर्याप्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों सहित का प्राविधान किया गया। परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की शुचिता एवं सुगम संचालन हेतु प्रत्येक केन्द्र पर एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया.