0 चार दिन पहले गुमला में जवान को मारी गयी थी गोली
रांची। स्पेशल ब्रांच में पदस्थ दरोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। मृत दरोगा की पहचान अनुपम कच्छप के रूप में हुई है। वह 2018 बैच के थे। शनिवार की सुबह उनका शव कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड के किनारे बोरेया रोड से बरामद किया गया। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान पाये गये हैं।
दोस्तों संग डिनर कर लौट रहे थे
बताया जा रहा है कि अनुपम शुक्रवार रात कांके रिंग रोड में एक ढाबे पर अपने कुछ दोस्तों के साथ पार्टी करने गए थे। उनके दोस्त कार से लौटे, जबकि वह बाइक से लौट रहे थे। इसी दौरान कांके रिंग रोड से बोरिया जाने वाले रास्ते में अज्ञात अपराधियों ने अनुपम को तीन गोली मारी. एक गोली अनुपम के सीने में लगी। मौके पर ही उनकी की मौत हो गई. रातभर अनुपम का शव रिंग रोड के किनारे ही पड़ा रहा। शनिवार की सुबह शव पर स्थानीय लोगों की नजर पड़ी।
वारदात की जानकारी मिलते ही स्पेशल ब्रांच के IG, डीआईजी, रांची पुलिस के DIG, SSP समेत कई अधिकारी RIMS पहुंचे, जहां उनका शव पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दरोगा की हत्या किस विवाद को लेकर की गई। पूछताछ के आधार पर मिली तमाम जानकारियों को ध्यान में रख कर पुलिस जांच कर रही है।
4 दिन पहले जवान की हुई थी हत्या
बता दें कि गुमला में चार दिन पहले साहेबगंज जिला पुलिस के जवान और गुमला विशुनपुर थाना क्षेत्र के टीटीही गांव के निवासी अभिषेक उरांव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। घटना नेतरहाट घाटी में हुई थी। इस घटना का जिम्मा राहुल सिंह नाम के अपराधिक गिरोह ने ली थी। सोशल मीडिया पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राहुल सिंह ने कहा था कि अभिषेक उरांव की हत्या सोमवार शाम को राहुल सिंह और गिरोह के द्वारा नेतरहाट घाटी में की गई है। प्रेस बयान में आरोप लगाया गया था कि अभिषेक उरांव पुलिस प्रशासन की आड़ में लोगो को डरा-धमका कर जमीन का कारोबार करते थे।
झारखंड 2018 बैच के दारोगा थे अनुपम
पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। खबर लिखे जाने तक हत्या की कोई स्पष्ट वजह नहीं मिल सकी है। अनुपम झारखंड के खूंटी जिले के निवासी थे। उन्होंने BIT सिंदरी से 2014 में बीटेक किया था और इसके बाद पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे। वह झारखंड के 2018 बैच के दारोगा थे और उनकी पहचान एक तेज-तर्रार अफसर के रूप में होती थी।
शहर में बढ़ रहीं मर्डर की घटनाएं
बीते दिनों शहर के सुखदेव नगर इलाके में एक अधिवक्ता की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। इसके पहले गुरुवार रात कांके इलाके में ही एक कांग्रेस नेता को गोली मारी गई थी। रांची में लगातार अपराध की घटनाओं से दहशत का माहौल है।अधिवक्ता की हत्या के खिलाफ पूरे जिले के वकील आंदोलन कर रहे हैं।