चांपा। व्यस्तता भरे विभागीय कामकाज के साथ-साथ लोक पर्व हरेली में भागीदारी निभाने को लेकर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी सक्रिय नजर आये। जांजगीर चांपा जिले के चांपा सबडिवीजन में छत्तीसगढ़ के लोक पर्व हरेली के अवसर पर समय निकालकर परंपरागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस स्टाफ में उत्साह का वातावरण नजर आया।

बचपन की यादें ताजा की

अनुविभगीय आधिकारी (पुलिस) यदुमणि सिदार, थाना प्रभारी चांपा डॉक्टर नरेश पटेल और जवानों ने गेंड़ी पर चढ़कर कुशलता प्रदर्शित की। बचपन की यादों को इस पर्व के बहाने जीवंत करने की कोशिश की गई। हरेली पर नारियल फेंकने की प्रतियोगिता में होती है, जिसका नजारा यहां पर भी देखने को मिला। चांपा थाना के प्रभारी सहित मातहत और जवानों ने पूरे उत्साह के साथ इस प्रतियोगिता में दमखम दिखाया। प्रतिस्पर्धा इस बात को लेकर थी कि कौन कितनी अच्छी तकनीक के साथ कितनी दूरी तक नारियल को फेंक सकता है। नारियल फेंक प्रतियोगिता का सबसे बड़ा पक्ष यही होता है, और यह शारीरिक दक्षता के साथ-साथ कौशल और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने का माध्यम बनता है।

हरेली के अवसर पर पुलिस थाना परिसर में हरियाली बिखेरी गई। श्रावण अमावस्या के साथ लोक पर्व की शुरुआत हरेली से होती है इसलिए भी इस दिन का अपने आप में विशेष महत्व है। चांपा पुलिस की ओर से किए गए इस आयोजन में विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी विशेष भूमिका का निर्वहन किया।

अनुविभगीय आधिकारी (पुलिस) यदुमणि सिदार ने बताया कि हरेली छत्तीसगढ़ का पर्व सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। ग्रामीण इलाकों में इस त्यौहार को विशेष तरीके से धूम-धाम से मनाने की परंपरा है। किसान अपने खेतों में उपयोग होने वाले औज़ारों और पशुओं की पूजा कर उन्हें औषधियुक्त आटे की लोंदी खिलाते हैं। इसके साथ ही इस पर्व के दिन लोग अपने घरों दरवाजे में नीम की डाली लगाते है। इस दिन गांवों में कई प्रकार के पारंपरिक खेलों के आयोजन के साथ ही पारंपरिक पकवान बनाये जाते है। हरेली त्यौहार में विशेष रूप से बांस की गेड़ी बनाई जाती है, जिस पर बच्चे और युवा चढ़कर टोली बनाकर घूमते हैं। वहीं कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।

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