धमतरी। यहां के ग्राम मेचका के ग्रामीण उस समय दहशत में आ गए जब उन्होंने तेंदुए की दहाड़ सुनी। नजदीक जाकर देखने पर पता चला कि तेंदुआ लोहे के तार से उलझा हुआ है। इस घटना की सूचना पर वन अफसर और रेस्क्यू की टीम मौके पर रवाना हो गई। मगर रेस्क्यू के पहले ही तेंदुआ रस्सी के चंगुल से बाहर निकलने में कामयाब रहा और इसी बीच वह काफी नजदीक चले गए एक पत्रकार के ऊपर हमला करते हुए निकल भगा।
क्लच वायर और रस्सी से बनाया था फंदा
बता दें कि ये इलाका उदंती सीता नदी टाइगर प्रोजेक्ट एरिया का है। जहां ग्राम मेचका में तालाब किनारे झाड़ियों में एक तेन्दुआ शिकारी फंदा रस्सी में फंस गया। तेंदुए की दाहड़ को सुनकर भयभीत ग्रामीण झाड़ियों के समीप देखने गये तब ग्रामीणों को सारा माजरा समझ आया और दहशत के बीच इसकी सूचना उदंती सीतानदी के अधिकारियों को दी गई। शिकारियों ने क्लच वायर का फंदा बनाकर तेंदुए को फंसाया था। सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पहुंचे जहां पर तेंदुआ के कमर में तार फंसा हुआ था और एक लंबी रस्सी उसमें बंधी हुई थी।
खुद को छुड़ाने में सफल हुआ तेंदुआ
बता दें कि जैसे ही वन विभाग को इसकी सूचना मिली, उन्होंने तुरंत नंदनवन से डॉक्टरों को बुलाया गया। हालांकि, डॉक्टर के पहुंचने से पहले ही तेंदुआ तार से खुद को छुड़ाकर जंगल में भाग गया। खूंखार तेंदुआ फोटो खींच रहे रिजवान मेमन पर हमला करते हुए रस्सी के चंगुल से बाहर निकल कर भाग गया। घायल रिजवान को तत्काल नगरी अस्पताल में ले जाया गया।
वन विभाग तेंदुए की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। ड्रोन की मदद से तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, वन विभाग ने गांव में घर-घर तलाशी अभियान चलाया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तेंदुआ वापस न आए और लोगों की सुरक्षा बनी रहे।
जिस तरह तेंदुआ शिकारियों के जाल में फंसा मिला, उससे तय है कि उदंती सीता नदी टाइगर एरिया में शिकारी सक्रिय हैं। गौरतलब है कि इससे पूर्व शिकारियों के अंतर्राज्यीय नेटवर्क को पकड़ा गया था, जिसके बाद तेंदुए के खाल और अन्य जानवरों के अंगों की तस्करी के मामले नहीं आ रहे थे, मगर जिस तरह तेंदुआ जाल में फंसा मिला उससे शिकारियों की मौजूदगी फिर से जंगल में होने का पता चलता है। ऐसे में वन अमले को और भी चौकस रहने की जरुरत है।