रायपुर। छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल मुद्दे पर बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि देशभर में अब तक हुई नक्सल घटनाओं में 17 हजार जवानों और आम लोगों की जान जा चुकी है। वर्तमान में नक्सल घटनाओं में काफी कमी आयी है और हम 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बना देंगे।

अमित शाह ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि देश में नक्सल घटनाओं में 53 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने बताया कि उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य नक्सलमुक्त हो चुके हैं। इसी कड़ी में अगले तीन साल में देश से वामपंथ उग्रवाद का सफाया हो जाएगा। केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों में कमी आई है और इस दिशा में सीएम विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बेहतर काम किया है।

दो दशक में नक्सल वारदातों का तुलनात्मक आंकड़ा बताया

गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दस वर्षों के भाजपा नीत शासनकाल और इससे पूर्व के दस साल की सरकार के कार्यकाल के दौरान नक्सल से जुड़ी घटनाओं का तुलनात्मक आंकड़ा प्रस्तुत किया। उन्‍होंने बताया कि बीते 10 सालों में नक्‍सलियों के टाप 14 लीडर मारे गए हैं। 2004 से 2014 तक 16463 नक्सल घटनाएं हुई वहीं 2014 से अब तक 7744 घटना हुई हैं। इसी तरह बीते 10 वर्षों में सुरक्षा बलों की मृत्‍यु और नागरिकों की मृत्‍यु में काफी कमी आई है। 2010 में देश के 96 जिले नक्‍सल प्रभावित थे अब 42 रह गए हैं।

विकास का विश्वास पैदा करने में हुए सफल

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने वामपंथ उग्रवाद की विचारधारा की जगह विकास का विश्‍वास पैदा करने में सफलता हासिल की है। हमने दो उद्देश्‍यों से काम किया, पहला रुल ऑफ लॉ स्‍थापित करने का प्रयास और दूसरा विनाश के कारण प्रभावित हुए विकास की खाई को भरना।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, हमने नक्‍सलवाद की समस्‍या को चैलेंज के रुप मे स्‍वीकार किया। वहां विकास का जो अभाव दिखता था, उसे पूरे देश के अनुरुप लाने का प्रयास किया गया। इसका असर भी दिख रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम हुआ है। उन्‍होंने कहा कि हमारी केंद्र और राज्‍य की सरकार बस्‍तर से लेकर बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक पूरे क्षेत्र के विकास के लिए संकल्‍पित है।

NIA की तर्ज पर SIA का होगा गठन

अमित शाह ने छत्‍तीसगढ़ सरकार की सराहना करते हुए उनके द्वारा किये गए बदलावों का जिक्र किया। उन्‍होंने बताया कि राज्‍य में तेंदूपत्‍ता खरीदी में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। वहीं एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन किया जायेगा। साथ ही सरेंडर पॉलिसी को भी नए रुप में पेश किया जाएगा।

नक्सल प्रभावित इलाकों में हुए कई कार्य

इस प्रेसवार्ता के दौरान अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के कार्यकाल में 540 नक्सलियों ने वामपंथ उग्रवाद को छोड़कर आत्मसमर्पण किया, वहीं 559 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। विष्णुदेव की सरकार में धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में नागरिकों के आधार और आयुष्मान कार्ड बनाये गए। वहीं 5 दशक बाद सुकमा के 6 गांवों के लोगों ने मताधिकार का उपयोग किया। यह सुरक्षा बल और लोकतंत्र की विजय है।

अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित इलाकों में हो रहे विकास कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं। इसमें जिलों के कलेक्टर और एसपी का भी महत्वपूर्ण योगदान है। केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 21 हजार करोड़ रूपये से अधिक खर्च कर रही है। इसके तहत सड़कों के निर्माण के साथ ही 25 जिलों में 2796 बैंक शाखाएं और 2061 एटीएम स्थापित करने के साथ ही बड़ी संख्या में पोस्ट ऑफिस खोले गए हैं।

नक्‍सलियों से हथियार छोड़ने की अपील

नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने अपील की कि नक्सली उग्रवाद का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करें और समाज की मुख्य धारा से जुड़ें।

भाजपा की सरकार में नक्सल विरोधी अभियान हुआ तेज

गृहमंत्री अमित ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन काल में नक्‍सल विरोधी अभियान और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य काफी धीमा हो गया था। मगर भाजपा की सरकार के आने के बाद फिर इसमें तेजी आई है। उन्‍होंने कहा कि हमारे गृह मंत्री हिड़मा के गांव में जाकर लोगों से मिल रहे हैं, यह बड़ी उपलब्धि है।

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