नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की नाइट शिफ्ट के दौरान हत्या कर दी गई थी। सीबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डॉक्टर के साथ ‘सामूहिक बलात्कार’ नहीं हुआ था। अपराध में केवल एक व्यक्ति शामिल था। सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। सीबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गिरफ्तार संजय का इस घटना से संबंध है।

मृतक डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं

सीबीआई के एक सूत्र के मुताबिक, मृतक डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था। गिरफ्तार किया गया शख्स संजय रॉय ही इस घटना से जुड़ा है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी यही दावा किया गया है। डीएनए रिपोर्ट से संकेत मिला कि दुष्कर्म में एक व्यक्ति शामिल था। दरअसल इस घटना में संजय राय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

रिपोर्ट में 150 ग्राम सीमन का जिक्र नहीं

आरजी घटना के सामने आने के बाद यह कहा जा रहा था कि ऐसी संभावना है कि इस घटना में कोई एक व्यक्ति शामिल नहीं है। मृत डॉक्टर के शरीर से करीब 150 ग्राम सीमन मिला है, जिससे कई डॉक्टर घटना में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, शव परीक्षण रिपोर्ट में 150 ग्राम सीमन प्राप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है। शव परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर के एंडोसर्विकल कैनाल में गहरे सफेद रंग का तरल पदार्थ पाया गया। मृतक डॉक्टर के शरीर पर चोट के 16 निशान हैं। सिर, गाल, नाक, भीतरी होंठ, बाएं कंधे और हाथ, बाएं घुटने और प्राइवेट पार्ट पर निशान पाए गए। फेफड़ों में खून का थक्का जम गया था।

पश्चिम बंगाल सरकार पर सीबीआई के आरोप

सीजेआई ने मेडिकल एग्जामिनेशन रिपोर्ट मांगी तो सीबीआई ने कहा “हमारी समस्या ये है कि हादसे के पांच दिन बाद हमें जांच मिली है। इस दौरान घटना स्थल को नुकसान पहुंचाया गया। सबूत मिटाए गए। पीड़िता की मृत्यु के बाद FIR दर्ज हुई। डॉक्टरों के दबाव में क्राइम सीन की वीडियोग्राफी हुई।” पश्चिम बंगाल सरकार ने इसका विरोध किया। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक युवा वकील ने इस बात पर मेरा ध्यान खींचा कि 2023 में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस पर कपिल सिब्बल ने शिकायत की कॉपी मांगी। कपिल सिब्बल पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से शामिल हुए हैं।

प्रिंसिपल को फटकार

कोर्ट ने पूछा कि क्या कारण है कि FIR 14 घंटे की देरी से दर्ज हुई? कॉलेज के प्रिंसिपल को सीधे कॉलेज आकर FIR दर्ज करानी चाहिए थी, वे किसे बचा रहे हैं? कोर्ट ने सियालदह के ACJM को निर्देश दिया कि कल शाम 5 बजे तक रिपोर्ट सौंप दें। सीजेआई ने कहा “जिस समय प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया, उसे दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। जांच को लेकर कहा कि ट्रेनी डॉक्टर की मौत की सीबीआई जांच जारी रहने दें और कोलकाता पुलिस को तोड़फोड़ की जांच करने दें।

अस्पताल में मैं भी जमीन पर सोया हूं- सीजेआई

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि जब उनके एक रिश्तेदार बीमार थे, तब वह भी अस्पताल में जमीन पर सोए हैं। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहे हैं। उन्हें कई ई-मेल मिले हैं, जिनमें इसकी जानकारी दी गई है। यह अच्छा नहीं है।

काम कर रहे डॉक्टरों की छुट्टियों में कटौती

सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ के डॉक्टरों के वकील ने कहा कि डॉक्टर सुबह मार्च निकाल रहे हैं और इसके बाद काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी भी छुट्टियां काटी जा रही हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि वह ऐसा नहीं करने के लिए कहेंगे, लेकिन डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए। उनके बिना स्वास्थ्य सेवाएं काम नहीं कर सकती हैं।

पोस्टमार्टम और अननेचुरल डेथ पर फंसी कोलकाता पुलिस

सिब्बल ने कहा कि वे पूरे दिन की जीडी दिखा रहे हैं। यदि आप मजिस्ट्रेट रिपोर्ट देखें तो यूडी समय का उल्लेख किया गया है। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि पुलिस द्वारा आपराधिक कानून में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया ऐसी नहीं है जिसका सीआरपीसी अनुसरण करती है या मैंने अपने 30 वर्षों में देखा है। तो क्या यह सच है कि पोस्टमार्टम यूडी रिपोर्ट के बाद हुआ। जस्टिस पारदीवाला ने कहा जो सहायक पुलिस अधीक्षक हैं। उसका आचरण भी बेहद संदिग्ध है।

कोर्ट को पुलिस रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की आशंका

पोस्टमार्टम के समय को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि प्लीज डायरी में पेज 2 देखिए‌। जस्टिस पारदीवाला ने कहा तो फिर 23:30 का क्या जिक्र है? क्या यह मीटिंग के मिनट्स हैं। हमें एक दस्तावेज दिखाओ जो यूडी केस नंबर दिखाता है जो 23:30 से पहले का है। सिब्बल ने कहा कि पेज 2, कृपया पेज 2 देखें। केस डायरी का दूसरा अंतिम पैरा देखें। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हमें हार्ड कॉपी ही दीजिए। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि इसे सीबीआई को देखने दीजिए। ऐसा लगता है कि इसे बाद में डाला गया है।

CBI को पुलिस की केस डायरी की जांच का आदेश

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी परदीवाला ने कहा “स्टेटस रिपोर्ट को देखकर ऐसा लगता है कि इसमें कुछ पन्ने बाद में जोड़ दिए गए हैं।” कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से केस डायरी की हार्ड कॉपी दिखाने को कहा। इसके साथ ही कहा कि सीबीआई इस एंगल पर भी जांच करे।

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