मुंगेली। कृषि विभाग, मुंगेली में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया गया है। इस अधिकारी के खिलाफ दिव्यांग सेवा संघ ने शिकायत की थी, जिसकी जांच के बाद कलेक्टर मुंगेली ने यह कार्रवाई की।
रायपुर-बिलासपुर में कोचिंग सेंटर का संचालन
गुलाब सिंह राजपूत के निलंबन आदेश में आरोप है कि वे शासकीय सेवा में होते हुए भी बिलासपुर और रायपुर में साई कृषि इंस्टीट्यूट कोचिंग सेंटर नामक संस्थान का संचालन कर रहे हैं। जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 8 के खिलाफ है। इस संबंध में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के नियम 9 और 10 के तहत उन्हें निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान, गुलाब सिंह राजपूत का मुख्यालय उप संचालक कृषि, मुंगेली में निर्धारित किया गया है। उन्हें निलंबन के दौरान जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता भी प्राप्त होगी। इसके आलावा गुलाब सिंह पर अहम आरोप ये है कि वे फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे हैं।
दिव्यांग सेवा संघ लगातार कर रहा है मांग
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने प्रदेश में बड़ी संख्या में अधिकारियों-कर्मचारियों को फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने का आरोपी दस्तावेजों के साथ लगाया है। इन्हीं अधिकारियों में मुंगेली जिले के गुलाब सिंह राजपूत भी शामिल हैं। संघ का दावा है कि राजपूत ने दिव्यांगता का शारीरिक परीक्षण कराने से भी इनकार कर दिया है। वे सरकारी नौकरी में रहते बिलासपुर और रायपुर में साई कृषि इंस्टीट्यूट कोचिंग सेंटर का संचालन कर रहे हैं। इस मामले को मुंगेली कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और अब गुलाब सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया गया है।
गुलाब को फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का बताया सरगना
छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ ने पिछले दिनों प्रेस वार्ता कर राज्य के 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखाधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, पशु चिकित्सा अधिकारी समेत 21 अधिकारियों पर फर्जी दिव्यांगता के सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी करने का आरोप लगाया। संघ के अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर ने बताया कि इसके सरगना ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत, मुंगेली के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एम.के. राय और बिलासपुर संभाग में संयुक्त स्वास्थ्य संचालक डॉ. प्रमोद महाजन हैं। बोहित राम ने बताया कि 50,000 से 1 लाख रुपये में फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया जा सकता है, जिसके लिए प्रदेश में कई गैंग सक्रिय हैं। दो साल पहले भी फर्जी सर्टिफिकेट की शिकायत की गई थी जिसके बाद तीन लोगों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
28 अगस्त को करेंगे पैदल मार्च
बता दें कि दिव्यांग सेवा संघ ने फर्जी दिव्यांगों के खिलाफ राजधानी रायपुर में 28 अगस्त को विशाल दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च करने की घोषणा की है। यह पैदल मार्च इस दिन सुबह 10 बजे मरीन ड्राइव से घड़ी चौक होते हुए मुख्यमंत्री निवास तक किया जायेगा। इस पैदल मार्च मे 80 से 100 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल हो रहे है, जिसकी वजह से पैदल मार्च धीरे धीरे चलेगा और 2 से 3 दिवस मे मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगा। यहां दिव्यांग सेवा संघ मुख्यमंत्री से अपनी 7 सूत्रीय मांगे रखकर उन्हें पूरा करने का अनुरोध करेगा। संघ की प्रमुख मांग प्रदेश भर में सरकारी विभागों में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग शामिल है। माना जा रहा है कि दिव्यांग सेवा संघ के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार उनकी मांगों पर पहल जरूर करेगी, और फर्जी दिव्यांगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।