बठिंडा। पंजाब पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। एजीटीएफ और बठिंडा पुलिस व राजस्थान पुलिस के संयुक्त अभियान में लॉरेंस बिश्नोई और अमेरिका में बैठे गोल्डी बराड़ गैंग के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से दो पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं।

दूसरी गैंग के बदमाश थे निशाने पर

इन्हें विदेशी आकाओं द्वारा दूसरी गैंग के सदस्यों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था। सभी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है।

इन्हें विदेशी आकाओं द्वारा दूसरी गैंग के सदस्यों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था। इनके पास से दो पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। इनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है। इस बाबत आगे की जांच जारी है और संभावना है कि इनके पास से और अधिक जानकारी मिले।

पिस्तौल और कारतूस भी बरामद

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों से दो पिस्तौल और छह कारतूस भी बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान मानसा के भीखी निवासी गुरप्रीत सिंह, बठिंडा के तलवंडी साबो निवासी मनिंदर सिंह उर्फ मुंशी और मानसा के बीर खुर्द गांव निवासी हरचरणजीत सिंह के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों का आपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, शस्त्र अधिनियम सहित अन्य कई मामले दर्ज हैं।

पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर राजस्थान पुलिस के साथ गैंगस्टर रोधी कार्यबल ने संयुक्त अभियान चलाया और हरचरणजीत को पकड़ लिया जो हत्या की कोशिश के मामले में वांछित था।

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान हरचरणजीत ने खुलासा किया कि वह कुख्यात गैंगस्टर मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना के निर्देश पर काम कर रहा था। हरचरणजीत ने बताया कि उसे प्रतिद्वंद्वी गिरोह के एक सदस्य को खत्म करने में गुरप्रीत और मनिंदर की मदद करने का जिम्मा सौंपा गया था। गैंगस्टर मन्ना वर्तमान में रूपनगर जेल में बंद है। वह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी सहयोगी है।

यादव ने बताया कि हरचरणजीत के खुलासे के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया और बठिंडा के मानसा रोड से उन्हें गिरफ्तार करने में सफल रही।

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