नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने बाजार में अपने 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है। उत्तराखंड सरकार ने अप्रैल में इन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। पतंजलि ने मंगलवार (9 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी दी।
कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की बेंच को बताया कि लाइसेंस रद्द होने के बाद 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर को 14 उत्पाद वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मीडिया प्लेटफॉर्म से उत्पादों के विज्ञापन वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं।
Patanjali Products Sale Ban: बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसमें कंपनी को बताना है कि क्या सोशल मीडिया समन्वयकों ने इन उत्पादों के विज्ञापन हटाने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और क्या उन्होंने विज्ञापन वापस ले लिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 जुलाई को होगी।
इन उत्पादों के लाइसेंस रद्द किए गए
श्वसारि गोल्ड
बीपी ग्रिट
श्वसारि वटी
मधुघृत
श्वसारि प्रवाही
मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर
श्वसारि अवलेह
लिवामृत एडवांस
ब्रोंकॉम
लिवोग्रिट
मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर
इग्रिट गोल्ड
लिपिडोम
पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप
कोर्ट ने पूछा था- विज्ञापन वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं
दरअसल, 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से पूछा था कि 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इनके विज्ञापन वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने पतंजलि को हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट पतंजलि के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें पतंजलि पर कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी इलाज के खिलाफ बदनाम करने वाला अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।