सुकमा। नक्सलियों ने बस्तर के सुकमा क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से 3 पत्र जारी कर सरपंच-उपसरपंच और सलवा जुड़ुम के दौरान पलायन के बाद लौटे ग्रामीणों पर जनविरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए उन्हें धमकाया है।
सरपंच को दी चेतावनी
नक्सलियों की कोण्टा एरिया कमेटी,भा.क.पा. (माओवादी) द्वारा जारी पत्र में सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के रामाराम ग्राम पंचायत के सरपंच पद पर कार्यरत ‘वेट्टी हंदा को अंतिम चेतावनी’ के शीर्षक से पत्र जारी किया है। जिसमे उल्लेख है कि वेट्टी हंदा ने 2005 से जनविरोधी काम करना शुरू किया था। उसने बीमा योजना के नाम से जनता का 3 लाख के ऊपर पैसा बैंक में जमा कर लिया था। लोगों का पैसा वापस न कर 2006 मे जनविरोधी बनकर सलवा जुडूम मे सक्रिय रूप से शामिल हुआ था। जुडूम मे रहकर वे खूंखार गुण्डा के रूप कार्य किया और कई लोगों को मार पीट व डराने धमकी देने मे आगे रहा था। वेट्टी हंदा के ऊपर तमाम आरोप लगते हुए समझाइश दी है कि वह अगर तहेदिल से अपना गलती को स्वीकार करके सुधार मे नही आयेंगे तो जनताना पार्टी द्वारा उसे मौत का सजा अनिवार्य रूप से दी जाएगी।
उप सरपंच को गोपनीय सैनिक बताकर धमकाया
नक्सलियों की कोंटा एरिया कमेटी ने दूसरा पत्र सुकमा जिले के भेज्जी थाना के भेज्जी ग्राम पंचायत, अंदिरपारा गांव के निवासी मड़काम हुर्रा पिता रामा के नाम जारी करते उसे भी अंतिम चेतावनी दी है। इसमें आरोप लगाया है कि वह उप सरपंच रहते हुए गोपनीय सैनिक का काम कर रहा है। इसके एवज में उसे वेतन भी सरकार से मिल रहा है। भेज्जी धानेदार व पुलिस के साथ हमेशा संपर्क रहकर भेज्जी, ओन्देरपारा, इंजराम तक रोड में दिन रात आने-जाने वालों को निगरानी व जांच-पड़ताल करते रहता है। साथ ही निर्दोष लोगों को आत्मासमर्पण करवाने व पैसा कमाने का कार्य भी कर रहा है। मड़काम हुर्रा पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उसके द्वारा उप सरपंच रहकर ग्राम सभा अनुमति के बिना विभिन्न सरकारी योजना लाकर गांव में जबरन अमल कर पैसा लूटने और जनता को मजदूरी ठीक से से नहीं दिया जाता है।
मड़काम हुर्रा से कहा गया है कि वह जन विरोधी काम को छोड़कर सब के साथ जल, जंगल, जमीन हक अधिकार के लिए जारी जन आंदोलन में कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़े। जन विरोधी कार्य नहीं छोड़ने पर मौत का सजा भुगतना अनिवार्य है।
तेलंगाना से लौटे परिवारों को खतरा
नक्सलियों ने 2006 में चलाये गए सलवा जुडूम अभियान के दौरान डरकर भागे ग्रामीणों के वापस लौटे परिवारों को धमकाना शुरू कर दिया है। कोंटा एरिया कमेटी के सचिव मंगड़ू द्वारा जारी इस पत्र में इन्हे जनविरोधी व पार्टी विरोधी परिवार बताते हुए कहा गया है कि अब पुलिस कैम्प/थाना, रोड बनने के बाद पुलिस के भरोसे से पार्टी व जनता को बिना पूछे ये लोग गांव मे आकर बस रहे, और अपना जनविरोधी काम लगे हुये हैं। ऐसे लोगों को चेतावनी दी गई है।
नक्सली पत्र में उल्लेख है कि सुकमा जिला के कोन्टा एरिया कमेटी अंतर्गत, भेज्जी, कोन्टा, पोलमपल्ली, चिंतागुफा, एर्राबोर थाना क्षेत्र के कुछ गांव के कुछ परिवार सलवा जुडूम के दौरान डर के मारे पार्टी व जनता को बिना पूछे आंध्रप्रदेश, तेलंगाना राज्य मे भाग गये थे। इनमे कुछ लोग जनविरोधी बने हुये थे। कुछ परिवार सलवा जुडूम शिविर मे जाकर सक्रिय रुप से अपना जनविरोधी कार्य करना, हर एक परिवार से पुलिस फोर्स मे भर्ती करवाके पार्टी व जनता के खिलाफ विरोध किया करते थे। इन सभी आम जनता को पार्टी ने अपना गलती क्षमा कर अपने-अपने गांव आने व साधारण रुप से जीवनयापन करने की अपील की थी। उस समय मेजारटी जनता सलवा जुडूम शीविर से गांव मे आ चुके है। वे जो परिवार अब आ रहे है, उन्होंने पार्टी व जनता को विरोध जताये थे।
नक्सलियों ने ऐसी परिवारों से अपील की है कि वे जनविरोधी कार्य को बंद करते हुए साधारण जीवन जियें अन्यथा उन्हें जनता व पार्टी के द्वारा केस के मुताबिक उन्हें सजा दी जाएगी।