बिलासपुर। यहां मल्टीनेशनल कंपनी के एक साॅफ्टवेयर इंजिनियर से करोड़ों रू की ठगी हो गई। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर शातिर ठग को दबोच लिया। इस मामले में ख़ास बात यह रही कि ठग मिमिक्री आर्टिस्ट था और इस वारदात में उसने अपने हुनर का जबरदस्त इस्तेमाल किया।
जानिए क्या है मामला…
इस प्रकरण का खुलासा करते हुए बिलासपुर SP रजनेश सिंह ने बताया कि प्रार्थी नितिन जैन, निवासी सरकण्डा बिलासपुर, जो प्राईवेट कंपनी पुणे मे साॅफ्टवेयर इंजिनियर है, ने सायबर थाना आकर अपने साथ ठगी होने की रिपोर्ट दर्ज कराया और बताया कि उसके साथ 01 करोड़ 39 लाख 51 हजार 277 रू की ठगी हो गयी है। पीड़ित के लिखित आवेदन पर अपराध पंजीबद्ध कर मामले को तत्काल विवेचना में लिया गया।
जान पहचान के बाद इस तरह लिया झांसे में
पीड़ित ने बताया कि आरोपी रोहित अपने भाई के घर पुणे गया हुआ था, जहां उसकी मुलाकात जैन काॅलोनी में रहने वाले प्रार्थी नितिन जैन से हुई। आपसी परिचय बढ़ने के बाद रोहित को नितिन जैन के विवाह हेतु लड़की की तलाश होने की जानकारी मिली। इसी का फायदा उठाकर आरोपी रोहित ने नितिन से संपर्क कर उसे विवाह योग्य लड़की से परिचय कराने की बात कही, जिससे नितिन ने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया, तब आरोपी रोहित द्वारा प्रार्थी को 02-03 लड़कियों की फोटो इन्टरनेट से निकालकर दिखाया गया जिसमें से नितिन ने एक लड़की काल्पनिक नाम एकता जैन को पसंद किया।
आवाज बदलने की हुनर का उठाया फायदा
लड़की पसंद आने के बाद आरोपी रोहित ने स्वयं के मोबाईल से प्रार्थी को आवाज बदलकर लड़की एकता जैन की आवाज में बात करके झांसे में लेना शुरू कर दिया, आरोपी ने लड़की की आवाज में कुछ दिन बात कर शादी के लिये राजी होकर ठगी करना प्रारम्भ कर दिया। दरअसल रोहित मिमिक्री आर्टिस्ट है और वह अलग-अलग आवाज निकालने में माहिर है।
अपराध में शामिल प्रमुख तथ्य
आरोपी रोहित, जो स्कूल के समय से ही मिमिक्री करता रहा है महिला, पुरूष साउथ इंडियन, फिल्मी कलाकारो के हूबहू नकल कर आवाज निकालने में माहिर है।अपराध के उद्देश्य से स्वयं ही महिला एकता जैन, महिला के मामा का लड़का अंशुल जैन, जिला जज सुब्रमन्यम स्वामी हैदराबाद, प्रापर्टी टैक्स ऑफिसर रामकृष्ण चेन्नई, मोबाईल लोन एप रिकवरी एजेन्ट बाॅस, आर.बी.आई. इंस्पेक्टर विनित बन कर, किरदार गढ़ कर नितिन जैन को झांसे में लिया। वह प्रत्येक किरदार निभाने के लिये अलग-अलग कंपनी का सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था।
ठगी के लिए किरदार खुद किये तैयार
काल्पनिक नाम एकता जैन – एकता जैन, जिससे प्रार्थी विवाह करने की बात तय हुई थी आरोपी ने एकता के बीमार होने व अन्य आवश्यकता होने का झांसा देकर प्रार्थी से करीब 30 लाख रू विभिन्न बैंक अकाउंट में जमा करा लिया।
एकता जैन का भाई अंशुल जैन – आरोपी ने एक नया सिम कार्ड खरीदकर एकता जैन का भाई अंशुल जैन बनकर नये आवाज में प्रार्थी से संपर्क कर अपनी बहन से विवाह की पारिवारिक सहमति दी। बातचीत के दौरान प्रार्थी नितिन को शेयर मार्केट में हानि होने, प्राॅपर्टी टैक्स पटाने, फैमिली डिस्प्युट होने का हवाला देकर प्रार्थी से करीब 30 लाख रू विभिन्न बैंक अकाउंट में जमा करा लिया।
हैदराबाद के इंकम टैक्स जज सुब्रमण्यम – आरोपी ने पुणे जाकर एक नई कहानी बनाई जिसमें लड़की एकता जैन के परिवार का हैदराबाद में प्रापर्टी होना बताया, जिसकी बिक्री हेतु हैदराबाद जाना बताया। यहां नया सिम कार्ड खरीदकर प्रार्थी को हैदराबाद के इंकम टैक्स के जज सुब्रमण्यम की बदली हुई आवाज में मोबाईल पर संपर्क कर एकता के गिरफ्तार होने का झांसा देकर प्रार्थी से करीब 20 लाख रू विभिन्न बैंक अकाउंट में जमा करा लिया।
चेन्नई का प्रापर्टी टैक्स अधिकारी रामकृष्ण – आरोपी ने एकता जैन का चेन्नई में भी प्रापर्टी का टैक्स जमा न होने के कारण एकता की गिरफ्तारी की संभावना बताकर चेन्नई का प्रापर्टी टैक्स अधिकारी रामकृष्ण की बदली हुई आवाज में तमिल, हिन्दी, अंग्रेजी में प्रार्थी से करीब 15 लाख रू विभिन्न बैंक अकाउंट में जमा करा लिया।
आर.बी.आई. अधिकारी विनित – आरोपी ने इसी प्रकार आर.बी.आई. अधिकारी विनित की बदली हुई आवाज में इन्स्टेन्ट लोन एप के माध्यम से रकम अदायगी न कर पाने के कारण तुम जांच एजेंसियों के सर्विलांस में हो, पुलिस व ई.डी. के अधिकारी तुम्हारे घर पर रेड करने वाले हैं, तुम दवाजा मत खोलना और स्वयं जाकर प्रार्थी के घर का दरवाजा खटखटाने लगा और प्रार्थी को भय हो गया कि पुलिस उसे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। आरोपी स्वयं प्रार्थी के घर के नीचे खड़े होकर फोटो खींच कर नितिन को भेजता था कि तुम जांच एजेंसियों के सर्विलांस में हो। प्रार्थी नितिन ने डर में आकर करीब 20 लाख रू विभिन्न बैंक अकाउंट में जमा करा दिया।
इस तरह खुल गया ठगी का राज
दरअसल लगातार पैसों की डिमांड बढ़ने के बाद भी जब युवती ने मिलने और शादी की बात से मना किया तब नितिन को संदेह हुआ। इस बार नितिन ने मिलकर पैसे देने की बात कही तो युवती फिर से बहाना बनाने लगी। नितिन को ठगी का एहसास हुआ तो उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तुरंत की कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने सर्विलांस और जिन खातों में रूपये डाले गए उनकी तुरंत छानबीन की और मामले में आरोपी रोहित जैन पिता रमेश चन्द्र जैन, उम्र 33 वर्ष, निवासी कटरा बाजार, जैन एजेन्सी वार्ड न. 15, जिला मैहर (म.प्र.) को मैहर से हिरासत में लेकर पूछताछ की। तलाशी के दौरान उसके पास से घटना में प्रयुक्त 02 नग एण्ड्रायड फोन 02 नग की-पैड फोन, 11 नग सिम कार्ड जप्त किया गया। रोहित के अपराध स्वीकार करने के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
इस पूरी कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर उमेश कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं ए.सी.सी.यू. बिलासपुर अनुज कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक चकरभाठा निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में निरीक्षक राजेश मिश्रा, प्रभारी ए.सी.सी.यू. एवं रेंज सायबर थाना बिलासपुर उप निरीक्षक अजय वारे, स.उ.नि. सुरेश पाठक, प्रधान आरक्षक सैय्यद साजिद, विक्कु सिंह ठाकुर आरक्षक चिरंजीव कमलेश, मुकेश वर्मा का विशेष योगदान रहा।