बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में निजी व्यक्तियों को सरकारी जमीन आवंटित करने के लिए बनाये गए नियम को चुनौती देने वाली याचिका को शासन का जवाब आने के बाद हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया है।
प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 11 सितंबर 2019 को 7500 वर्ग फीट तक की सरकारी जमीन निजी व्यक्तियों को आवेदन और नीलामी के आधार पर आवंटित करने का निर्णय लिया था। इसके विरुद्ध भाजपा नेता सुशांत शुक्ला, मधुकर द्विवेदी, कमल सिंह इत्यादि की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी। इसमें कहा गया था कि इस तरह के आवंटन से भू माफिया और कुछ उच्च आय वर्ग के लोगों को ही लाभ मिलेगा, जबकि सामान्य आय वर्ग के लोग वंचित रह जाएंगे। इसके अलावा पूर्व विधायक नवीन मार्कंडेय ने भी याचिका लगाई थी और कहा था कि इस आदेश का फायदा कुछ बड़े कारोबारी उठा रहे हैं और सरकार अपने लोगों को हजारों वर्ग फीट जमीन आवंटित कर रही है।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से सभी जिलों में आवंटित सरकारी भूमि की सूची मांगी थी। हाई कोर्ट में शासन की ओर से बताया गया कि जमीन आवंटन के निर्णय पर पुनर्विचार किया जा रहा है। इस संबंध में आदेश शीघ्र जारी किया जाएगा। शासन के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर सभी जनहित याचिकाएं निराकृत कर दी।