रायपुर। कांग्रेस पार्टी के संगठन NSUI और युवा कांग्रेस द्वारा इन दिनों RTE और बिना मान्यता के राजधानी रायपुर में चल रहे स्कूलों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में न्यू राजेंद्र नगर में संचालित कृष्णा किड्स एकेडमी के परिसर में प्रदर्शन किया गया और संस्था की मान्यता पर सवाल उठाते हुए शिक्षा विभाग से स्कूल पर कार्रवाई करने की मांग की गई। इस प्रदर्शन के बाद कृष्णा किड्स एकेडमी के संचालक ने मामले में संबंधित नेताओं के खिलाफ परिसर में जबरिया प्रवेश कर स्टाफ से गाली-गलौच करने की FIR दर्ज करा दी। यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है।
संचालक ने पुलिस में की यह शिकायत
न्यू राजेंद्र नगर थाने में संजय त्रिपाठी पिता स्व० अरुणेश त्रिपाठी उम्र 36 साल द्वारा दर्ज FIR में उल्लेख है कि वे कृष्णा किड्स एकेडमी, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर में प्रशासक के पद पर पदस्थ हैं। 6 जून को संस्था में कार्यरत प्रधान पाठक जया बाकड़ू, प्यून मोगरा, तुलसी, क्षमा, ओम बाई धुव उपस्थित थे जो अपने अपने कार्य कर रहे थे। उन्हें प्रधान पाठन जया बाकडू ने फोन से जानकारी दी कि NSUI के कार्यकर्ता स्कूल परिसर के अंदर घुसकर नारेबाजी कर रहे है, तब उन्होंने अपने संस्था स्कूल में आकर देखा तो NSUI कार्यकर्ता विकास तिवारी, कुणाल दुबे, हेमंत पाल एवं अन्य कार्यकर्ता स्कूल के अंदर घुसकर शिक्षा विभाग एवं संस्था के खिलाफ नारे बाजी कर रहे हैं। संजय त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने मना किया तो वे लोग उन्हें भी अपशब्द बोलकर गाली गलौच करने लगे तथा उपस्थित महिला स्टाफ के साथ भी गाली गलौच करने लगे। गाली गलौच करने से हमें बहुत बुरा लगा। इस संबंध में संस्था प्रमुख आशुतोष त्रिपाठी को इस घटना के बारे में अवगत कराया गया। अतः हमारे स्कूल में कार्यरत स्टाफ एवं अध्ययनरत विद्यार्थियो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निवेदन है कि ऐसे सभी असामाजिकतत्वों के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही की जाए।
इस शिकायत के आधार पर न्यू राजेंद्र नगर, रायपुर की पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे विकास तिवारी, कुणाल दुबे, हेमंत पाल और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ IPC की धारा 452, 294, 34 के तहत FIR दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
‘RTE को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन’
इस मामले में मुख्य आरोपी युवा कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने बताया कि उन्होंने राजधानी में संचालित ऐसे स्कूलों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है, जो शिक्षा विभाग से मान्यता लिए बिना ही चल रहे हैं। इसी के तहत वे NSUI कार्यकर्ताओं के साथ न्यू राजेंद्र नगर में संचालित कृष्णा किड्स एकेडमी में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान मौके पर थाने के टी आई के अलावा एसआई और अन्य स्टाफ सहित मीडिया के साथी भी मौजूद थे और इस प्रदर्शन का मीडिया पर लाइव कवरेज चल रहा था। ऐसे में उनके ऊपर संस्था में जबरन प्रवेश करने और गाली-गलौच करने का आरोप कितना सही है, यह अच्छी तरह समझा जा सकता है। विकास तिवारी ने आरोप लगाया कि KPS के संचालक आशुतोष त्रिपाठी ने अपने रसूख और सत्ता पक्ष के दबाव का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करा दिया है।
इधर, केपीएस स्कूल प्रबंधक द्वारा दर्ज करवाये गये एफ़आईआर के ख़िलाफ़ थाने में कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने भी लिखित शिकायत की है।
विकास तिवारी ने अपनी शिकायत में ये कहा है..
न्यू राजेंद्र नगर में कृष्णा किड्स एकेडेमी जिसके संस्थापक आशुतोष त्रिपाठी और संचालक संजय त्रिपाठी एवं अन्य द्वारा केंद्र शासन के जारी दिशानिर्देश के अनुसार बिना प्रशासन के अनुमति लिए 16 साल से कम उम्र के बालको को CBSE पैटर्न/ साम्बंध्य संस्थान बताकर पूर्व-स्कूल की शिक्षा देने के नाम पर ठगा जा रहा है। जिस ठगी की पुष्टि इस तथ्य से भी होती हैं कि जो किताबे पालकों से CBSE पाठयक्रम की बताकर खरीदने को विवश की जा रही है वह ISBN अंतर्गत पंजीकृत होना तो दूर NCERT/SCERT से स्वीकृत भी नहीं है और मूल्यांकित कीमत भी वास्तविक नहीं होकर उसी लेखक के फर्जी मूल्यों पर अन्य प्रकाशक द्वारा छापी हुई हैं।
इसी तरह इस संस्थान ने स्वयं को स्कूल बताकर बच्चों के पालकों को ठगा है जबकि उसके पास शिक्षा विभाग की मान्यता नहीं हैं ना ही कभी आवेदन प्रस्तुत किया गया हैं। जबकि CBSE एवं शिक्षा विभाग की मान्यता कृष्णा पब्लिक स्कूल को मिली है जिस पंजीयन का उपयोग कर फर्जी संस्थान चलाया जा रहा है। जिसकी पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि कृष्णा पब्लिक स्कूल के गणवेश का इस्तेमाल और बेचे जाने से भी ठगी करना प्रकट हैं।
सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि जिस असुरक्षित मकान को रहने के लिए नगर निगम ने बिल्डिंग परमिशन दिया था उसमे 16 साल से कम उम्र के छोटे मासूम बच्चों को रखना नगर निगम के नियमों के साथ बिल्डिंग एंड सेफ्टी कोड के विरुद्ध भी है जहां किसी आगजनी या दुर्घटना से बचने के लिए सकरी सीढ़ी और सकरा दरवाजा अनुकुल नहीं है भवन एक साथ बड़ी संख्या मे बालकों के लिए सुरक्षित रहने की पुष्टि हेतु कोई प्रमाण नहीं हैं। स्कूल ना होने से GST एवं नगर निगम की अनुज्ञप्ति भी नहीं हैं। वहा रहने और पढ़ाने वाले स्टाफ के सम्बंध में पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं कराया गया है, ना ही किराये के भवन के लिए पुलिस वेरीफिकेशन कराया गया है। यहां तक की घरेलू बिज़ली कनेक्शन पर इंस्टीट्यूशनल उपयोग कर लोकधन की हानि पहुंचाई जा रही है।
यह संस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अनुसार पंजीकृत हो इसकी भी संभावना कम है अन्यथा सभी सदस्यों को भी वहां आशुतोष त्रिपाठी एवं संजय त्रिपाठी के साथ संगठित होकर ठगी करने के कारण साश्य दोषी मानता हूं। मेरी शिकायत सत्य और सही है जिसमे संज्ञेय अपराध की पुष्टि होने से एफआईआर करना आपका लोक कर्त्तव्य है यदि पूर्ण अनुसंधान में शिकायत झूठी पाए जो इसके लिए जो कानूनी सजा हो उसके लिए तैयार हूं। यह कि संविधान के अनुच्छेद 51A के अनुसार सुधार की भावना से आंदोलन करना, सार्वजानिक सम्पत्ति की सुरक्षा करना, शिक्षा क्षेत्र को उत्कर्ष की ओर बढ़ाने का प्रयास करना एवं छोटे बालकों (प्राणी) के जीवन की सुरक्षा के लिए काम करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य हैं।
RTE के कानून का हो रहा है खुला उल्लंघन
विकास तिवारी ने बताया कि राजधानी में कृष्णा पब्लिक स्कूल (KPS) की कई शाखाएं संचालित हैं। इनके अलावा कृष्णा किड्स एकेडमी के नाम पर डेढ़ दर्जन से अधिक संस्थाएं जगह-जगह संचालित की जा रही हैं। ऐसे नर्सरी स्कूल कुछ ही कमरों में चल रहे हैं और वहां खेल के मैदान तक नहीं हैं। विकास तिवारी का दावा है कि इन संस्थाओं का शिक्षा विभाग में कोई भी पंजीयन नहीं है।
RTE से बचाव और कर रहे करोड़ों की कमाई
उन्होंने बताया कि सारा खेल RTE के कानून से बचते हुए करोड़ों की कमाई करने से जुड़ा हुआ है। दरअसल KPS प्रबंधन ने यह कहते हुए शिक्षा विभाग में इन संस्थाओं का पंजीयन नहीं कराया है कि इसकी कोई जरुरत नहीं है, जबकि शिक्षा संहिता में इसके कड़े प्रावधान हैं। शिक्षा विभाग में पंजीयन नहीं होने के चलते यहां RTE के तहत जरूरतमंद बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जबकि इन सभी स्कूलों में लगभग 2 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। अगर इन संस्थाओं में RTE लागू किया जाये तो इनमें 5 सौ बच्चों को इस कानून के तहत प्रवेश मिल सकता है। तिवारी का कहना है कि नर्सरी जैसी कक्षाओं में KPS प्रबंधन द्वारा पालकों 50 से 60 हजार रूपये वसूल किये जा रहे हैं, इससे प्रबंधन को हर वर्ष करोड़ों की कमाई हो रही है।
ऐसे स्कूलों की संख्या काफी ज्यादा
विकास तिवारी बताते हैं कि अकेले राजधानी में कृष्णा किड्स एकेडमी की तरह दूसरे लोगों द्वारा भी सैकड़ों स्कूल संचालित किये जा रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा विभाग में अपना पंजीयन ही नहीं कराया है। इस मामले की शिकायत शिक्षा विभाग से की गई है मगर विभाग ने कुछेक स्कूल पर कार्यवाही कर बाकी को बख्श दिया है। इस मुद्दे को लेकर कल जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भी प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं समेत धरना दिया, तब शिक्षा अधिकारी ने उनसे चर्चा करने को तैयार हुए। हमारी यही मांग है कि शिक्षा संहिता का पालन करते हुए बिना मान्यता चल रहे स्कूलों को या तो मान्यता दी जाये या फिर उन्हें बंद किया जाये। वहीं इन स्कूलों में RTE का कानून भी लागू किया जाये, ताकि जरूरतमंद बच्चों को लाभ मिल सके। आलम यह है कि शिक्षा अधिकारी ने अपने कार्यालय में न तो मान्यताप्राप्त निजी स्कूलों की सूची लगा रखी है और न ही विभाग RTI के तहत जरुरी जानकारी दे रहा है। इस मुद्दे पर NSUI की मुहिम जारी है, और गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा