0 मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के गिरोह का किया भंडाफोड़
प्रयागराज। UP STF ने 11 फरवरी 2024 को UPPSC द्वारा आयोजित RO/ARO भर्ती परीक्षा पेपर लीक में महत्वपूर्ण खुलासा किया है। बताया गया कि पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ। एक भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया।
प्रिंटिंग प्रेस तक इस तरह बनाई पहुंच
आरओ/एआरओ प्रश्नपत्र पाने के लिए कर्मचारी की मदद से राजीव नयन एंड कंपनी ने भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस सेंध लगाई थी। यहां से परीक्षा से आठ दिन पहले ही प्रश्नपत्र प्रेस से बाहर निकाल लिया गया था। यूपी एसटीएफ ने RO /ARO पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ उसके सबसे करीबी सुभाष प्रकाश और विशाल दुबे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस गैंग की दूसरी महत्वपूर्ण कड़ी लेडी गैंग मेंबर शिवानी अभी भी फरार है। शिवानी ही राजीव नयन के पैसों के लेनदेन का काम देखती थी।
साथ में की पढ़ाई और अब मिलकर किया पेपर आउट
प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक कराने वाले इस गैंग में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके चार नौजवान भी थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से 8 दिन पहले ही पेपर लीक करने वाले गैंग के पास पहुंच चुका था।
प्रिंटिंग प्रेस में काम कर रहा था सहपाठी
राजीव के साथ काम कर रहे विशाल दुबे को पता चला उसके इंजीनियरिंग का दोस्त सुनील रघुवंशी भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है। विशाल ने इसकी जानकारी राजीव को दी तो राजीव ने विशाल से कहा कि वह सुनील के संपर्क में रहे। प्रिंटिंग प्रेस में अगर कोई पेपर छपने आए तो पैसों का लालच देकर पेपर लीक करने में मदद के लिए तैयार करो।
जब छपने आया एक पेपर…
सुनील रघुवंशी को विशाल दुबे ने कम समय में बड़ा हाथ मारने का लालच और सपना दिखाकर सुनील रघुवंशी को अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया। जनवरी के आखिरी सप्ताह में सुनील रघुवंशी ने बताया कि एक पेपर आया है जिसमें एक पेपर में 140 सवाल हैं और दूसरे में 60 सवाल हैं। विशाल दुबे ने इसकी जानकारी राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को दी।
राजीव और सुभाष खुद RO/ARO की भर्ती पर नजर गड़ाए थे और सुभाष प्रकाश ने खुद इसका फॉर्म भरा था तो उसे पता था कि इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 140 सवाल और हिंदी के 60 सवाल पूछे जाने हैं। सवालों की संख्या देखकर तय हो गया कि यह समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का ही पेपर है.
10 लाख रुपए में साथियों को बेचा पेपर
बात प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लाने की हुई तो सुनील रघुवंशी ने 10 लाख रुपए की डिमांड की। साथ ही भोपाल में ही कैंडिडेट को पेपर पढ़वाने की शर्त रखी। राजीव और विशाल दुबे इसके लिए तैयार हो गए और प्लान के मुताबिक 3 फरवरी 2024 यानी परीक्षा से पूरे 10 दिन पहले सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर से ठीक करवाने का झांसा देकर 180 सवालों की खराब हो चुकी बुकलेट को वाटर बोतल में छुपा कर बाहर ले आया और पेपर घर में रख दिया।
एक कैंडिडेट को 12 लाख रुपए में प्रश्न पत्र…
पेपर हाथ में आ गया तो कैंडिडेट इकट्ठा किए जाने लगे और 8 फरवरी 2024 को भोपाल के होटल कोमल में सभी कैंडिडेट्स को इकट्ठा किया गया। राजीव नयन मिश्रा ने हर कैंडिडेट से 12 लाख रुपए में पेपर बेचना तय किया। 8 फरवरी को विशाल दुबे अपने अन्य दोस्त संदीप पांडे को लेकर होटल पहुंचा। सुनील रघुवंशी क्वेश्चन पेपर की 6/6 फोटो कॉपी कराकर होटल पहुंचा। विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा परीक्षार्थियों को लेकर होटल पहुंचे तो वहीं सुभाष प्रकाश गाइड और किताबों को लेकर सवालों को हल कर कैंडिडेट्स को देने के लिए पहुंचा।
भोपाल से दिल्ली और प्रयागराज भेजा पेपर
होटल से ही सुभाष प्रकाश ने क्वेश्चन पेपर की मोबाइल से फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा को भेज दी। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में राजीव नयन मिश्रा ने यह पेपर प्रयागराज और दिल्ली में बैठे पेपर लीक गैंग के दूसरे नेटवर्क को भेज दिए। इस दूसरे नेटवर्क में डॉक्टर शरद पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर शामिल थे।
नौ फरवरी की रात ही भेज दिया था पेपर
सुभाष प्रकाश का मोबाइल चेक करने पर पता चला कि उसने प्रश्नपत्रों का फोटो खींचकर नौ फरवरी को ही रात 10.31 बजे सामान्य हिंदी का प्रश्नपत्र क्रमांक 4131167 और 10.32 बजे सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र क्रमांक 1398546 अपने गैंग के सदस्यों को व्हाट्सएप पर भेज दिया था। यह दोनों उसी क्रमांक वाले प्रश्नपत्र हैं, जो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे।
पेपर लीक नहीं होता तो कई फर्जी बन जाते अधिकारी…
सुभाष प्रकाश ने खुद 11 फरवरी को RO/ARO भर्ती का यह पेपर वाराणसी में दिया था। सिपाही भर्ती परीक्षा में राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री की गिरफ्तारी के बाद से ही सुभाष प्रकाश के बारे में जानकारी मिल गई थी। एसटीएफ ने आयोग से सुभाष प्रकाश की वह बुकलेट भी निकाल ली जो उसने परीक्षा में भरी थी। जांच से जुड़े पुलिस के एक अफसर की मानें तो अगर यह पेपर लीक नहीं होता तो सुभाष प्रकाश इस परीक्षा को आसानी से पास कर समीक्षा अधिकारी जरूर बन जाता। वही नहीं दूसरे भी कई लोग इस परीक्षा में सफल हो जाते, जिन्होंने पैसे खर्च कर प्रश्न पत्र ख़रीदे थे।
यूपी एसटीएफ ने पूरे गिरोह का किया खुलासा
जैसे ही यूपी एसटीएफ ने भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल करने वाले गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार किया तो पूरा नेटवर्क सामने आ गया और कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए। पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था। पेपर लीक कराने वाला राजीव नयन मिश्रा भी जेल से छूटने के बाद भोपाल में ही रहने लगा था। राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
दूसरा गैंग पहले ही पकड़ा गया
यूपी एसटीएफ परीक्षा केंद्र से पेपर लीक नेटवर्क में प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक विनीत यशवंत समेत 10 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है। इस नेटवर्क के बारे में कहा गया कि 11 फरवरी को जब पेपर ट्रेजरी से सुबह 6:30 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो विनीत यशवंत की मदद से पेपर लीक कराने वाले गैंग में शामिल कमलेश कुमार पाल उर्फ केके ने मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर लीक किया था।