0 जानकारी छिपाने के आधार पर निरस्त किया गया था दावा
जांजगीर-चांपा। राज्य उपभोक्ता फोरम रायपुर ने एक अपंग व्यक्ति की मौत के बाद बीमा दावे को स्वीकार करते हुए एलआईसी को 14 लाख रुपये, ब्याज, वाद व्यय और मानसिक क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक बाराद्वार के बुटानु भैना ने अपने जीवनकाल में एक दुर्घटना में दोनों पैर खो दिया था। इसके बाद एलआईसी के एक एजेंट ने उसे दो बीमा पॉलिसियां 6 लाख व 8 लाख की बेची थी।
बीमा क्लेम निरस्त किया तो ली आयोग की शरण
बुटानु भैना की 20 अप्रैल 2022 को मृत्यु हो गई। तब उसकी पत्नी फुलेश्वरी बाई ने बीमा दावे के भुगतान के लिए एलआईसी में आवेदन दिया। आवेदन निरस्त होने के बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किया। फोरम ने 14 लाख रुपये के भुगतान का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध कंपनी ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की। अपील की सुनवाई के बाद फोरम के अध्यक्ष जस्टिस गौतम चौरडिय़ा और सदस्य प्रमोद वर्मा ने आदेश पारित किया। फोरम ने एलआईसी का यह तर्क न्यायसंगत नहीं माना कि बीमा पॉलिसी लेते समय पॉलिसीधारक ने अपनी अपंगता और इलाज की जानकारी छिपाई थी। फोरम ने कहा कि पॉलिसी के अवलोकन से स्पष्ट है कि कंपनी के एजेंट ने भौतिक रूप से उपस्थित होकर उसे पॉलिसी प्रदान की। इसके अलावा बीमा देते समय मेडिकल सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत किया गया था। उपरोक्त परिस्थितियों में ही पॉलिसी स्वीकृत की गई थी, अतएव कंपनी भुगतान के लिए बाध्य है।
फोरम ने बीमा की रकम 14 लाख रुपये, उस पर लंबित अवधि का ब्याज तथा मानसिक क्षति का 15 हजार व वाद व्यय 3 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश एलआईसी को दिया है।