धमतरी। जिले की कलेक्टर नम्रता गांधी ने सुबह-सबेरे जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, तब OPD से यहां के सभी डॉक्टर नदारद थे। वहीं मरीजों को दिया जा रहा भोजन भी निम्न स्तर का मिला और कुछ दवाएं एक्सपायरी डेट की मिली। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी जताते हुए डॉक्टरों और सिविल सर्जन समेत 18 लोगों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
धमतरी की जिला कलेक्टर नम्रता गांधी इन दिनों एक्शन में नजर आ रहीं हैं। उन्होंने जिला अस्पताल का OPD के समय दौरा किया। इस दौरान अस्पताल में कई खामियां पाई गईं। इस दौरान अस्पताल में फैली बदबू और गंदगी देख कर कलेक्टर जमकर भड़कीं।
पूरे डॉक्टर थे गायब…
धमतरी के जिला अस्पताल में सिविल सर्जन एस के टोन्डर के अधीन कुल 16 डॉक्टर कार्यरत हैं, मगर निरिक्षण के कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। इस दौरान कुछ डॉक्टर देर से पहुंचे। कलेक्टर ने मौके पर सिविल सर्जन और डॉक्टरों को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान उन्हें कुछ दवाएं भी एक्सपायरी डेट की मिलीं।
मरीजों को घटिया भोजन
कलेक्टर जब भोजनशाला पहुंची तो खाने को देखकर भड़की और पैकेट में जो लड्डू था वह भी एक्सपायरी हो चुका था। निरीक्षण के समय अस्पताल के कई कर्मचारी भी नदारद थे। मीडिया से चर्चा के दौरान कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया कि भोजन में चावल और दाल खंडा (ब्रोकन) पाया गया। जिसके कारण ठेकेदार को नोटिस दिया गया है.
सिविल सर्जन और डॉक्टरों को नोटिस हुआ जारी
जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद कलेक्टर नम्रता गांधी ने सिविल सर्जन समेत 18 को कारण बताओ नोटिस जारी किया। निरीक्षण के दौरान 8 डॉक्टर देर से आये वहीं शेष 8 डॉक्टर गैरहाजिर रहे। जिसके चलते इनका एक दिन का वेतन भी काटा गया है। ये है नदारद डॉक्टरों की सूची :
1 डॉ. पीतांबर प्रधान, रेडियोलॉजिस्ट
2 डॉ. लोकेश साहू, पैथोलॉजिस्ट
3 डॉ. जे.एस. खालसा, नेत्र रोग विशेषज्ञ
4 डॉ. विभोर नंदा, सर्जरी विशेषज्ञ
5 डॉ. उत्कर्ष नंदा, चिकित्सा अधिकारी
6 डॉ. मेहताब अहमद, चिकित्सा अधिकारी
7 डॉ. समीक्षा चरयाणी, चिकित्सा अधिकारी
8 डॉ. निधि ध्रुव, चिकित्सा अधिकारी
इसी तरह देरी से अस्पताल पहुंचने वाले डॉक्टरों को भी नोटिस जारी किया गया :
1. डॉ. रश्मि साहू
2. डॉ. राकेश सोनी
3. डॉ. आशीष खालसा
4. डॉ. राकेश साहू
5. डॉ. हर्षा जीचकर
6. डॉ. तेजस साह
7. डॉ. रविकिरण शिंदे
8. डॉ. पूजा चंन्द्राकर
डॉक्टरों को दी नसीहत और जनता से मांगी माफी
मीडिया से चर्चा के दौरान नम्रता गांधी ने स्वीकार किया कि जिला अस्पताल में निर्माण कार्य के चलते यहां आने वालों को असुविधा हो रही है, इसके लिए क्षमा याचना करते हुए उन्होंने कहा कि सुविधाएं बढ़ाने के लिए ही निर्माण कार्य चल रहा है, आगे चलकर स्थिति और बेहतर होगी। वहीं उन्होंने डॉक्टरों के प्रोफेशन को सम्मानजनक बताते हुए उन्हें नसीहत दी कि वे डिसिप्लीन मेंटेन करें ताकि जिले के लोगों को उनका लाभ मिल सके।
हर रोज 2 से 3 सौ मरीज…
धमतरी जिला अस्पताल में सामान्य स्थिति में 200 से 300 की ओपीडी रहती है। यहां धमतरी के अलावा पड़ोसी जिलों से भी लोग इलाज करवाने आते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्था बड़ी लापरवाही है। यह सोचनीय स्थिति है कि अस्पताल में मरीजों की लाइन लगी रहती है और डॉक्टर नदारद रहते है। ऐसे में लोगों के बेहतर इलाज की उम्मीद कैसे की जा सकती है। बहरहाल इस अव्यवस्था से नाराज कलेक्टर ने 18 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।