कोरबा। एक ऐसा स्कूल जहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे विलुप्त हो रहे बिरहोर आदिवासी परिवारों के हैं। इस प्राथमिक स्कूल के प्रधान पाठक और एक शिक्षिका ने स्कूल न जाकर एक प्राइवेट टीचर को पढ़ाई में लगा रखा था। यह मामले उजागर होने के बाद कलेक्टर ने प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया है।
मामले का ऐसे हुआ खुलासा
कोरबा जिले के पाली विकासखंड का यह मामला है। यहां प्राथमिक शाला टेडीकुड़ा में शंकरदास मानिकपुरी पदस्थ हैं। उनके अलावा एक अन्य शिक्षिका की भी स्कूल में पोस्टिंग है। दोनों शिक्षक लगातार स्कूल से नदारद रहते हैं, जिससे नाराज ग्रामीणों ने पिछले दिनों स्कूल में ताला जड़ दिया था। मामला मिडिया की सुर्खियां बनने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच शुरू की गई।
बच्चों को दूसरा शख्स पढ़ाते मिला
इस शिकायत की जांच के दौरान पता चला कि स्कूल में प्रधान पाठक शंकरदास मानिकपुरी की जगह कोई दूसरा शख्स बच्चों को पढ़ाता है। प्रधान पाठक मानिकपुरी तो कई महीने से स्कूल नहीं आ रहे थे। बाद में उन्होंने अपने स्थान पर दिनेश कुमार नामक युवक को पढ़ाने के लिए रख लिया। यहां पदस्थ शिक्षिका भी अक्सर स्कूल नहीं आती।
महीने के 2000 रूपये मानदेय..!
दिनेश कुमार नामक इस शख्स ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि वह ग्राम नुनेरा के एक प्रायवेट स्कूल में पढ़ाता है और पेंटिंग का काम भी करता है। दोपहर डेढ़ बजे उसके स्कूल की छुट्टी हो जाती है। कुछ समय पूर्व वह पेंटिंग के काम से नुनेरा के ही मोहल्ले टेडीकुड़ा में आया हुआ था, जहां इस प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक मानिकपुरी ने उन्हें कहा कि अगर समय हो तो वह इस स्कूल के बच्चों को भी पढ़ा दिया करे। उसे कुछ मानदेय भी मिल जायेगा। दिनेश कुमार ने बताया कि वह पढ़ाने के लिए तैयार हो गया। वह यहां 2 बजे से 4 बजे तक पढ़ाता है, जिसके एवज में उसे प्रधान पाठक 2000 रूपये हर महीने देते हैं।
बिरहोर बच्चे पढ़ते हैं यहां
बता दें कि टेडीकुड़ा नमक इस मोहल्ले में ज्यादातर आबादी लुप्तप्राय प्रजाति बिरहोर की है। इन्हीं के बच्चे यहां स्थित प्राथमिक शाला में पढ़ते हैं। स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 50 है। बिरहोर बच्चों के इस स्कूल में शिक्षा का यह हाल है।
जांच के बाद जारी किया गया नोटिस
इस जांच में प्रधान पाठक के द्वारा विकास खंड श्रोत, पाली में कार्य हेतु जाना, पाठकान पंजी में इसका उल्लेख कर बाद में हस्ताक्षर करना तथा उच्च अधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी बाहरी व्यक्ति को स्कूल में अध्यापन कार्य के लिए रखा जाना पाया गया। मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगने पर प्रधान पाठक शंकर दास मानिकपुरी का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया।
कलेक्टर ने जारी किया निलंबन आदेश
प्रधान पाठक के इस कृत्य को स्वेच्छाचारिता, कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी का मानते हुए कलेक्टर अजीत वसंत ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आश्रम नियम 1965 के नियम तीन के विपरीत कार्य करने पर प्रधान पाठक शंकर दास मानिकपुरी शासकीय प्राथमिक शाला टेडीकुड़ा, विकासखंड पाली को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में प्रधान पाठक को विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, पाली में संलग्न किया गया है। देखें आदेश :