बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अपने हितों के लिए संगठन बनाकर गतिविधि करने के आधार पर होमगार्ड्स को बर्खास्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले 6 होमगार्ड्स को राहत देते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने तथा लंबित देयकों का भुगतान करने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक चित्रसेन, जगजीवन त्रिलोचन सहित 4 अन्य लोग बतौर होमगार्ड नियुक्त थे। इन सभी ने वर्ष 2011 में अपने हितों के लिए होमगार्ड सैनिक एवं परिवार कल्याण संघ बनाया था। अधिकारियों ने मार्च 2011 में इन्हें निलंबित किया और शो काज नोटिस दिया। इसके बाद अप्रैल 2011 में सभी को बर्खास्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के खिलाफ पीड़ितों ने एडवोकेट शिशिर दीक्षित के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा कि सिर्फ एक संगठन बनाने के कारण इनको नौकरी से नहीं हटाया जा सकता।
संगठन बनाना संवैधानिक अधिकार
जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद माना कि एसोसियेशन तैयार करना याचिकाकर्ताओं का संवैधानिक अधिकार है। इसके आधार पर कर्मचारियों को निलंबित या बर्खास्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सेवा से हटाने को दिए गए आदेश को निरस्त कर दिया और निर्देश दिया कि याचिकर्ताओं को वापस बहाल करते हुए उन्हें सभी लंबित देयक दिए जाएं ।