रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में राजस्थान के तीन शातिरों द्वारा फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का ट्रांजेक्शन करने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने बकायदा युवकों को प्रतिमाह 15 हजार रुपए का लालच भी दिया और उसके नाम बैंक खाते के साथ फर्जी कंपनी बनाकर धोखाधड़ी करने लगे। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने राजस्थान के तीन युवकों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब फरियादी सूरज चौरे निवासी खातीवाला टैंक, इंदौर, हालमुकाम स्थानीय रतलाम स्थित नीमचौक ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने से वह करीब सात वर्ष पहले काम की तलाश में रतलाम आ गया था। वर्तमान में वह कैफे पर काम करता है। छह माह पहले ईश्वर नगर की तरफ जाने पर आरोपी तुलसीराम (26) पिता गोपाललाल ओझा निवासी भीलवाड़ा (राजस्थान) से मिला था। तुलसीराम ने कहा था कि हर माह 15 हजार रुपये देगा, इसके लिए तेरे नाम का बैंक खाता व तेरी फर्म के नाम से खाता खुलवाकर खातों की डिटेल, उनमें दर्ज मोबाइल नंबर की सिम आदि मुझे देना होगी। लालच में आकर वह तीन-चार माह पहले तुलसीराम के साथ उनके पास गया था। तुलसीराम ने मोबाइल फोन की दो सिम, पैन कार्ड, आधार कार्ड की तीन-तीन फोटोकापी व पासपोर्ट साइज के 12 फोटो भी लिए थे।

इसके बाद वह पीएनबी की अलकापुरी शाखा ले गया और 2500 रुपये देकर फरियादी के नाम से खाता खुलवाया। पासबुक तुलसीराम ने अपने पास रख ली थी। दोनों खातों की चेकबुक व एटीएम जारी करवाने के फार्म पर भी उसने हस्ताक्षर करवा लिए थे। इसके बाद तुलसीराम ने उसे मित्र निवास रोड स्थित एसबीआइ बैंक ले जाकर कंपनी बनाने के नाम पर खाता खुलवाया था। मेरे नाम तीन खाते खुलवाने के बाद वादे के अनुसार उसने रुपये नहीं दिए तो मुझे शंका हुई वह कुछ गड़बड़ कर रहा है।

चांदनीचौक में अग्नि ट्रेडिंग का आफिस

पुलिस के अनुसार तुलसीराम ने बैंक खाते खुलवाए तब उसके आरोपी साथी योगेश पिता मदनलाल शर्मा निवासी ग्राम कालियावाड़ा खेड़ा (भिलवाड़ा) व सूर्यप्रकाश पुत्र ओमप्रकाश त्रिपाठी निवासी ग्राम देवरिया (अजमेर) भी थे। तीनों ने उसे चांदनीचौक में अग्नि ट्रेडिंग कंपनी के नाम से खोला। आफिस व शक्तिनगर में किराये का मकान भी बताया था। तीनों ने कहा था कि तेरे नाम से अग्नि ट्रेडिंग कंपनी खोल रहे हैं। कंपनी के नाम से तेरे फर्जी खाते खुलवायेगें, जिसमें से हम व हमारे ऊपरवाले लेन-देन करेंगे। इसके बदले हर माह 15 हजार रुपए देंगे और रुपयों की जरूरत होगी तो वे भी देंगे। यह बात किसी को मत बताना। आरोपियों ने फरियादी के दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी कंपनी बनाकर उसके खातों से करोड़ों का लेनदेन कर धोखाधड़ी की है।

बैंक से पता चला कि खाते में करोड़ों का लेन-देन

फरियादी सूरज के अनुसार जब वह पंजाब नेशनल बैंक अलकापुरी जाकर वहां खोले गए दोनों खातों के लेनदेन की जानकारी ली तो बैंककर्मी ने बताया कि तुम्हारे खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हो रहा है। तब उसे पता चला कि उसके नाम से फर्जी खाते खुलवाकर करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया गया है। उसने आवेदन देकर खातों को बंद कराया।

आरोपी किये गए गिरफ्तार

मामले में उपनिरीक्षक ध्यानसिंह सोलंकी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 467, 468 के तहत प्रकरण दर्ज कर तुलसीराम ओझा, योगेश शर्मा व सूर्यप्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ की जा रही है कि वे क्या कार्य करते थे और रुपयों का लेनदेन किनसे करते थे। बैंकों से भी जानकारी ली जा रही है कि अब तक कितना ट्रांजेक्शन किया गया है।

50 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन..!

शक्ति नगर में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। चार लोगों के खाते से 50 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन की जानकारी सामने आई है। सूरज के अलावा जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं उनमें एक मजदूरी करता है। एक प्रिंटिंग प्रेस पर काम करता है और एक सब्जी का ठेला लगाता है। चारों ही लोगों को पैसे का लालच देकर दस्तावेज लिए गए और फर्जी कंपनियां बनाकर बाकायदा जीएसटी नंबर भी लिए गए। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए।

अन्य शहरों में भी 35 से 40 खातों की मिली जानकारी

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह खाते डेढ़ से दो माह पहले ही खुलवाए गए हैं। अलग-अलग शहरों से रुपये का लेनदेन हुआ है। अन्य राज्यों में फर्जी कंपनी और खातों का भी पता चला है। आरोपियों के मोबाइल नंबर से उन्हें कुछ अन्य मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं। वहीं एक लैपटॉप भी जब्त किया गया है। आरोपियों की कुछ लोगों से चैटिंग भी मिली है। पुलिस तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस पूरे खेल के पीछे कौन-कौन लोग शामिल है और उनका असल उद्देश्य क्या है। जांच में पुलिस को अन्य शहरों में भी 35 से 40 खातो की जानकारी मिली है। वहीं अन्य राज्यों में भी 40 से 50 फर्जी कंपनियों का पता लगा है।

बैंक अधिकारी भी सवालों के घेरे में

रतलाम पुलिस ने भी यहां खोले गए सभी खातों को फ्रीज करवा दिया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। बैंक अधिकारी भी पुलिस के सवालों के घेरे में है। एसपी राहुल लोढा ने बताया कि बैंक के किसी खाते में संदिग्ध या बड़े ट्रांजैक्शन होने पर बैंक अधिकारी को इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है। रतलाम में खोले गए नौ खातों में पिछले डेढ़ माह में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ, लेकिन बैंको की ओर से इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुलिस इस संबंध में नियमों की जानकारी मांग रही है। रतलाम पुलिस के अनुसार मामले की जांच में बड़े खेल और बड़े खिलाड़ियों के उजागर होने की संभावना है।

 

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