नई दिल्ली। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरी अयोध्या जगमगा रही है। इस बीच वहां बनने वाली मस्जिद को लेकर भी बड़ी जानकारी सामने आई है। आज राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला विधिवत विराजमान हो गए हैं। इसी मौके पर अयोध्या में बनाई जाने वाली मस्जिद का निर्माण कब शुरू हो रहा है, इसे लेकर ऐलान कर दिया गया है।
वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाया था जिसका नाम ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ है। फाउंडेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल ‘मई’ से अयोध्या में भव्य मस्जिद का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा और इसे पूरा होने में तीन-चार साल लगने की उम्मीद है।
क्राउड फंडिंग से होगा धन इकठ्ठा
मस्जिद प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की विकास समिति के प्रमुख हाजी अराफात शेख ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मस्जिद के लिए पैसे जुटाने के लिए एक क्राउड-फंडिंग वेबसाइट भी स्थापित की जाएगी।
पैगंबर मुहम्मद के नाम पर होगी मस्जिद
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस मस्जिद का नाम पैगंबर मुहम्मद के नाम पर ‘मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह’ रखा जाएगा। अराफात शेख ने बताया, ‘हमारा प्रयास लोगों के बीच दुश्मनी, नफरत को खत्म करना और एक-दूसरे के प्रति प्यार में बदलना है… चाहे आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें या न करें।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम अपने बच्चों और लोगों को अच्छी बातें सिखाएं तो यह सारी लड़ाई बंद हो जाएगी।’
मस्जिद निर्माण में इस कारण हुई देरी
वहीं आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद के निर्माण में इस कारण देरी हुई है, क्योंकि वे डिजाइन में और ज्यादा पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते थे। कई मीनारें भी बनानी हैं। इसीलिए काम में देरी हो रही है। इसके अलावा मस्जिद परिसर में ही एक 500 बेड का अस्पताल भी बनाया जाना है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर वर्ष 2019 में फैसला सुनाते हुए इसे हिन्दू पक्ष को सौंपने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि विवादित भूमि पर मंदिर बनाया जाएगा, वहीं मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन का एक टुकड़ा प्रदान किया जाएगा।