चंडीगढ़। नगर निगम चंडीगढ़ में मेयर पद के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी मनोज सोनकर की जीत के बाद हंगामा बढ़ गया है। इस चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ में लड़ रहे थे, इसलिए ये चुनाव चर्चा में था। हालांकि, इस गठबंधन के आठ वोट इनवैलिड करार दिए गए, जिसकी वजह से बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई।

इस चुनाव में बीजेपी को 16 वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस-आप के मेयर प्रत्याशी को सिर्फ़ 12 वोट मिले। कांग्रेस के पास सात वोट थे, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 13 वोट। लेकिन 8 वोट इनवैलिड होने से बीजेपी प्रत्याशी को जीत मिली।

जमकर हुई धक्का-मुक्की

वोट इनवैलिड होने के बाद निगम में हंगामा होने और मार्शल बुलाए जाने की भी ख़बरें हैं। बता दें कि इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें चुनाव टालने को कहा गया था। अदालत ने 30 जनवरी को चुनाव करवाने का आदेश दिया था।

चुनाव में बीजेपी की ओर से मनोज सोनकर खड़े थे, जबकि आम आदमी पार्टी ने कुलदीप कुमार को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, कांग्रेस ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए अपने प्रत्याशी खड़े किए थे.

आम आदमी पार्टी बोली- इतिहास में आज तक नहीं हुआ..

आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार की जीत पर आपत्ति दर्ज कराई है। चड्ढा ने कहा, “चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 36 में से आठ वोट अवैध घोषित कर दिए गए। इतिहास में आज तक नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को बीस वोट पड़ने थे। हमें 12 वोट पड़े, और हमारे आठ वोट अवैध घोषित कर दिए गए, और भाजपा का एक भी वोट अवैध घोषित नहीं किया गया।”

राघव चड्ढा ने ये भी कहा कि बीजेपी के 16 वोट थे जिनमें से उन्हें पूरे 16 वोट मिले। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “आज जो हमने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान देखा वह केवल असंवैधानिक और गैरकानूनी चीज ही नहीं थी बल्कि देशद्रोह है…चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आज जो हमने अवैधता देखी उसे सिर्फ और सिर्फ देशद्रोह ही कहा जा सकता है…”

बीजेपी पर निशाना साधते हुए चड्ढा ने कहा, “भाजपा इतने छोटे से मेयर चुनाव में अगर इस प्रकार की गैरकानूनी और अंसवैधानिक घटना को अंजाम दे सकती है तो आप कि लोकसभा चुनाव की हार देखते हुए ये लोग क्या करेंगे? क्या भाजपा इस देश को नॉर्थ कोरिया बनाना चाहती है जहां चुनाव ही ना हो?…”

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कहा – “चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है। यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये बेहद चिंताजनक है।”

यह चुनाव क्यों अहम?

चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के गठबंधन ने इस लड़ाई को दिलचस्प बना दिया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव इंडिया समूह और भाजपा के बीच पहला चुनावी मुकाबला हुआ। आप और कांग्रेस के साथ आने से इस मुकाबले को आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा गया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव की नींव रखेगा।

हाई कोर्ट पहुंची आम आदमी पार्टी

आप ने उच्च न्यायालय का रुख किया है, जहां पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने तत्काल सुनवाई के लिए कुमार की याचिका का उल्लेख किया है। सिंह ने कहा कि बिना कोई कारण बताए आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया गया और चुनाव के रिकॉर्ड को सील करने की मांग की गई। हाई कोर्ट इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा।. इन आरोपों के संबंध में न तो नगर निगम अधिकारियों और न ही मसीह ने अब तक कोई स्पष्टीकरण जारी किया है।

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