0 हथियार के दम पर अस्पताल से छुड़ा ले गए साथी
0 सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही उजागर

दुर्ग। ज्वेलरी की दुकान के डकैती और हत्या के मामले में जेल में बंद कुख्यात अपराधी दुर्ग के जिला अस्पताल से फरार हो गया है। जेल से इलाज के लिए लाये गए आरोपी को छुड़ाने के लिए दो बदमाश हथियार लेकर अस्पताल के अंदर घुसे और जवानों को धमकाते हुए मौके से निकल भागे। फरार आरोपी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर अमलेश्वर थाना क्षेत्र के समृध्दि ज्वेलर्स के मालिक को गोली मारकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।

इस कुख्यात अपराधी का नाम अनुपम कुमार झा है और वह जिला वैशाली बिहार का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था।

सुनियोजित ढंग से फरारी को दिया अंजाम

यह वारदात बीती रात साढ़े 11 बजे की बताई जा रही है। दुर्ग जिला जेल में बंद आरोपी अनुपम कुमार झा को जिला अस्पताल लाया गया था। इस दौरान नकाबपोश दो बदमाश हथियार लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां कैदी की सुरक्षा में तैनात जवानों को डरा-धमका कर आरोपी को बदमाश अपने साथ ले गए। जिस तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया गया, उससे यह साफ नजर आ रहा है कि कैदी अनुपम झा को छुड़ाने के लिए बाकायदा योजना बनाई गई और उसे बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से अनुपम को उसके साथी छुड़ा कर ले गए। इस दौरान वे प्रहरियों से मोबाइल लूट कर अपने साथ ले गए।

पुलिस के मुताबिक अस्पताल में भर्ती अनुपम के अटेंडर के रूप में एक युवक मौजूद था, जिसे अनुपम का भतीजा बताया गया था। उसके अलावा एक अन्य युवक यहां पहुंचा और दोनों मिलकर अनुपम को छुड़ाकर ले गए। फ़िलहाल CCTV फुटेज से पता लगाया जा रहा है कि अनुपम को छुड़ाने कितने लोग आये और किस वाहन में आये थे।

इस वारदात को ऐसे समय में अंजाम दिया गया जब पुलिस और सुरक्षा बल चुनाव करने में व्यस्त हैं। हालांकि वर्तमान में चारों तरफ नाकेबंदी है, मगर यह व्यवस्था केवल वाहनों की चेकिंग के लिए है।

पूर्व में रायपुर कोर्ट से फरार हो चुका है अनुपम

अनुपम कुमार झा वह अपराधी है जिसके ऊपर रायपुर जिले में हत्या के और मामले में कोर्ट में प्रकरण चल रहा है, और वह रायपुर के कोर्ट से ही सन 2021 में फरार हो गया था। इसके बाद अनुपम ने अपने साथियों समेत दुर्ग के अमलेश्वर स्थित समृद्धि ज्वेलर्स में डकैती की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान मिले CCTV फुटेज के आधार पर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया और वाराणसी से अनुपम कुमार को गिरफ्तार किया गया था। अब वह दूसरी बार अपने साथियों की मदद से फरार हो गया है।

ज्वेलरी संचालक की हत्या कर डकैती को दिया था अंजाम

दुर्ग जिले में अमलेश्वर के तिरंगा चौक में समृद्धि ज्वैलर्स नाम की सोने-चांदी की ज्वैलरी की दुकान है। पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को दोपहर करीब एक बजे दो युवक सामान्य ग्राहक की तरह दुकान पर आए। गुड आइलैंड कॉलोनी निवासी दुकान संचालक सुरेंद्र कुमार सोनी (52 वर्ष) इस समय अकेले थे। युवकों ने उससे कुछ गहने दिखाने को कहा। इसके बाद सुरेंद्र जेवर दिखाते रहे। उसी समय वह रैक से कुछ लेने के लिए नीचे झुके। उनका सिर काउंटर से टकरा गया और दो युवकों में से एक ने उनका सिर पकड़ लिया और काउंटर पर जोर से मारा।

तभी दोनों युवकों ने पिस्टल निकालकर सुरेंद्र सोनी पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों ने उनके सिर, छाती और चेहरे पर लगातार पांच-छह फायर किए। जब वह कुर्सी पर गिरे तो एक युवक ने उनकी छाती पर जोर से लात मारी और उन्हें नीचे गिरा दिया। इसके बाद दोनों ने इत्मीनान से दुकान में रखे काउंटर, दराज और जेवर इकट्ठा किए और निकल गए। इस वारदात के बाद सुरेंद्र सोनी की मौत हो गई थी।

कुख्यात अपराधी की सुरक्षा में कोताही

ज्वेलर्स की हत्या और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी को जिस तरह मामूली सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिला अस्पताल में रखा गया था, उसमें जेल प्रबंधन की लापरवाही साफ़ नजर आती है। इसी का फायदा अपराधियों ने उठाया और वे अपने साथी को छुड़ा ले गए। इस बदमाश को जेल से अस्पताल में भेजने और भर्ती कराने के पीछे भी कोई साजिश तो नहीं, इसका भी पता लगाया जाना चाहिए।

सेंट्रल जेल दुर्ग में है भारी अव्यवस्था

प्रदेश भर के जेलों की बात करें तो सबसे ज्यादा अव्यवस्था दुर्ग के सेन्ट्रल जेल में बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि जेल के अंदर रिश्वत देकर नशे का सामान बड़ी ही आसानी से पहुंचाया जा रहा है, वहीं यहां बंद दर्जनों अपराधियों के पास मोबाइल सेट मौजूद हैं। आलम ये है कि जेल में व्हाट्सएप्प फेसबुक भी चलाया जा रहा है और यहां से कुछ वीडियो खींचकर बाहर भेजे जाने का भी पता चला है।

वर्तमान में यहां ऋषि राज राय जेल अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। बताया जा रहा है कि जब से उनकी यहां पदस्थापना हुई है तब से सेन्ट्रल जेल कैदियों के लिए घर की तरह हो गया है। उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया हो रही है, बशर्तें उनके पास पैसे का इंतजाम होना चाहिए।

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