बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जेलों में बंदियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए दो माह तक चलाए गए विशेष अभियान के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद 1455 बंदी रिहा किए गए हैं। इनमें से 1086 बंदियों को जमानत पर रिहा किया गया, जबकि 369 बंदियों को विशेष अदालत के फैसले से राहत मिली है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सन् 2021 की एक क्रिमिनल रिट पिटिशन पर इस संबंध में आदेश दिया है। इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली का भी निर्देश है कि जेलों में बंदियों की भीड़ कम करने के लिए प्रयास किये जाएं।
अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटियों का किया गया गठन
इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी की निगरानी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी गठित की गई है। जिलों में कमेटियों ने निरन्तर बैठक ली। इस विशेष अभियान के तहत छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों में निरुद्ध पात्र बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें रिहा करने की कार्रवाई की गई है।
महीने भर चला विशेष अभियान
इस तारतम्य में 18 सितम्बर से 20 नवम्बर तक एक विशेष अभियान चलाया गया। अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की सतत बैठक करते हुए बंदियों को रिहा करने के लिए निर्देश दिया गया। उक्त कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश अध्यक्ष एवं संबंधित जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जेलर और सचिव सदस्य हैं। यह समिति बंदियों को जमानत पर रिहा करने की अनुशंसा करती है। उपरोक्त दो माह की अवधि में समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की कुल 114 बैठकें आयोजित की गई और पात्र अभिरक्षा के अधीन बंदियों को जमानत पर रिहा किये जाने हेतु अनुशंसित किया गया है
अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी के द्वारा कुल 1389 बंदियों को चिन्हांकित कर 1222 बंदियों को जमानत का लाभ देने की अनुशंसा किया गया, जिस पर संबंधित न्यायालयों ने 1086 बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें रिहा किया।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा भी जेलों में बढ़ती भीड़ पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बंदियों को जमानत का लाभ देने एवं ऐसे बंदी जिनकी जमानत हो गई है, उन्हें रिहा करने का निर्देश जारी किया है। नालसा ने समितियों को अधिक से अधिक पात्र कैदियों को जमानत का लाभ देने की अनुशंसा की है।
जेल लोक अदालत का बंदियों को मिला लाभ
जस्टिस भादुड़ी के निर्देशानुसार 5 नवंबर को छत्तीसगढ़ की समस्त जेलों में तृतीय ‘राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत’ का भी आयोजन किया गया। इसमें प्रत्येक जिले के 2-2 न्यायिक मजिस्टेªटों की स्पेशल सीटिंग थी। इनमें पात्र बंदियों का तत्काल जेल में ही उनके प्रकरणों का निराकरण कर रिहा करने का आदेश दिया गया। इसका लाभ 369 बंदियों को मिला।