नई दिल्ली। देश का अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक सामने आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पास मौजूद 81.5 करोड़ भारतीयों की जानकारी 80,000 डॉलर में बिक रही है। बताया जा रहा है कि यह मामला इतना गंभीर है कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI इस मामले की जांच कर सकती है।

इंटरनेट पर डेटा सेल का लगाया विज्ञापन

एक थ्रेड एक्टर नाम के ट्विटर यूजर ने डार्क वेब पर ब्रीच्ड फोरम में डेटाबेस का ऐड डाला है जिसमें 81.5 करोड़ भारतीयों के आधार, पासपोर्ट, नाम, फोन नंबर और एड्रेस का दावा है. दावा किया जा रहा है कि यह डेटा ICMR के पास मौजूद कोविड-19 की डिटेल्स से निकाला गया है। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि यह डेटा लीक कहां से हुआ है क्योंकि कोविड टेस्ट का डेटा आईसीएमआर के साथ-साथ नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भी जाता है।

सक्रीय हुई जांच एजेंसियां

हैकिंग और फिशिंग जैसे खतरों से निपटने वाली नोडल एजेंसी CERT-In ने ICMR को इसकी जानकारी दे दी है।जानकारी के मुताबिक जो सैंपल डेटा सामने आया है वह ICMR के पास मौजूद वास्तविक डेटा से हूबहू मिल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई एजेंसियों और मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी इस मामले को लेकर एक्टिव हो गए हैं।

इस लीक के पीछे विदेशी हाथ माना जा रहा है. किसी प्रकार की हानि के लिए अभी जरूरी SoP तैनात कर दिया गया है।

इस तरह हुआ खुलासा

यह मामला सबसे पहले अमेरिकन साइबर सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस एंजेंसी रीसिक्योरिटी की नजरों में आया। एजेंसी ने पाया कि थ्रेट एक्टर ‘pwn0001’ ने 9 अक्टूबर को ब्रीच फोरम पर एक थ्रेड पोस्ट किथा था जिसमें 81.5 करोड़ भारतीयों के डेटाबेस का दावा किया गया था जिसकी बिक्री हो रही है।

देश की आधी आबादी का डेटा

यह डेटा कितना भयावह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश की जनसंख्या 148.6 करोड़ के आस-पास है, यानी करीब 55 फीसदी भारतीयों का डेटाबेस ऑनलाइन उपलब्ध है। pwn0001 ने सबूत के तौर पर चार बड़े लीक सैंपल भी पोस्ट किए हैं जिसमें आधार डेटा हैं। इनमें से एक सैंपल में 1 लाख रिकॉर्ड्स हैं।

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