नई दिल्ली। नोएडा फेज-1 पुलिस ने अमेरिकी नागरिकों को सोशल सर्विस देने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया और 84 युवक-युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से ज्यादातर भारत के नार्थ ईस्ट के रहने वाले हैं। कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपी मैनेजर हर्ष शर्मा और योगेश मुरारी मौके से फरार हो गए।
हफ्ते में 2-3 दिन काम, कमाई 30-40 लाख
DCP नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि कुछ दिन पहले FBI व अन्य विदेशी एजेंसियों से सूचना मिलने के बाद को नोएडा पुलिस की टीम ने कोतवाली फेज वन क्षेत्र स्थित सेक्टर-6 की बिल्डिंग में दबिश थी। मौके पर अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का बड़ा सेट अप मिला। सभी गिरफ्तार लोग दिल्ली-एनसीआर में किराये पर रहते हैं। वे एक हफ्ते में दो से तीन दिन काम करते थे। आरोपी हर रोज 30 से 40 लाख रुपये की ठगी करते थे।
ठगी करने का ऐसा तरीका..!
DCP ने बताया कि पकड़े गए अरोपी सबसे पहले डार्क वेव के जरिए अमेरिकी नागरिकों का निजी डाटा और सोशल सिक्योरिटी नंबर हासिल करते थे। इसके बाद उनके पास एक सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ अमेरिका के नाम से वाइस ई-मेल भेजकर उनके साथ ठगी करते थे।
वॉइस ई-मेल भेजकर फंसाते, 60 करोड़ से ज्यादा की ठगी
DCP ने बताया कि आरोपियों ने चार महीने पहले ही ऑफिस खोला था। उन्होंने अमेरिकी नागरिकों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी की। पुलिस ने आरोपियों के पास से 150 लैपटॉप-कंप्यूटर, 13 मोबाइल, 20 लाख नगद, एक कार और 42 पेज अमेरिकी नागरिकों का डाटा बरामद किया है। आरोपी अमेरिकी नागरिकों के पास वॉइस ई-मेल भेजकर उनके गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने की बात कहते थे। अगर कोई उनके झांसे में आ जाता तो उसे धमकी देकर उगाही कर लेते थे।
सोशल सिक्योरिटी नंबर से मिलती थी निजी जानकारी
जिस तरह भारतीय नागरिकों को आधार नंबर मिलता है। उसी तरह अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर मिलता है। इस नंबर के जरिए अमेरिकी नागरिक के बारे में उसकी वित्तीय से लेकर निजी जीवन से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की जा सकती है।
करते थे इंटरनेट कॉलिंग, क्रिप्टो करेंसी में करते थे उगाही
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपी अमेरिकी नागरिकों से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए बात करते थे। कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों को फोन और वॉयस मेल कर सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त खाते की जांच के नाम पर ठगी की जा रही थी। जालसाज क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड से कैश हवाला के माध्यम से अपने खातों में मंगवा रहे थे। कॉल सेंटर से चार माह में 500 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को 60 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई। क्रिप्टो करेंसी ये लोग विदेश में बैठे उनके अन्य साथियों के पास भेज देते, जो इनको बदल कर रुपये में भेज देते थे।
विदेश तक फैला हुआ है जाल
डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने कहा कि इस गिरोह के तार विदेश में बैठे कई अन्य जालसाजों से जुड़े हैं। पुलिस की टीमें जांच में जुटी हैं। इसके बारे में केद्रींय एजेसिंयों और संबंधित देश की एबेंसी को भी जानकारी दी जाएगी। जल्द ही गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। कॉल सेंटर चलाने वाले मैनेजर हर्ष शर्मा और योगेश मुरारी की पुलिस खोजबीन में लगी हुई है।