रायपुर। AIIMS ने भारत में पहली बार रायपुर के हॉस्पिटल में पोषण पर एक गहन और व्यापक उत्कृष्टता केंद्र (COE) की स्थापना की है। ये पोषण उत्कृष्टता केंद्र राज्य के विभिन्न अस्पतालों से रेफर किए जाने वाले जटिल और गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए एक अत्याधुनिक कुपोषण रेफरल और उपचार केंद्र (SMART) होगा। इसका मुख्य उद्देष्य राज्य के हर जिले के कुपोषित बच्चों के इलाज, निरंतर देखभाल और विषयानुसार मदद करेगा।
कुपोषित बच्चों की नियमित होगी मॉनिटरिंग
टेली-मेंटरिंग के माध्यम से AIIMS के बाल रोग विशेषज्ञ प्रतिदिन राज्य के पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में गंभीर रूप से कुपोषित (SAM) बच्चों के हालात को जांचेंगे। इसी तारतम्य में एक कदम आगे बढ़ते हुए, एम्स केंद्र घर पर कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए समुदाय-आधारित एसएएम (सी-एसएएम) कार्यक्रम का भी समर्थन करेगा। इसके उचित क्रियान्वयन और प्रबंधन के लिए राज्य के सभी जिलों में जिला समन्वयकों को नियुक्त किया गया है।
सहयोगी की भूमिका में रहेगा यूनिसेफ
AIIMS का यह विशेष केंद्र को यूनिसेफ, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के समर्थन में संचालित होगा। इस केंद्र का उद्घाटन करते हुए एम्स निदेशक डॉ. अजय सिंह ने किशोर स्वास्थ्य पर पोषण को लेकर और ज्यादा ध्यान देने और एनीमिया और कुपोषण को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पोषण केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर यूनिसेफ छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि पोषण पर उत्कृष्टता केंद्र शिशु और छोटे बच्चों के आहार (IYCF) प्रथाओं, एनीमिया मुक्त भारत और अन्य पोषण हस्तक्षेपों के घटकों के साथ एक अनूठा मॉडल है। इसके साथ ही ये केंद्र, संस्थागत और समुदाय आधारित एसएएम प्रबंधन, राज्य में स्तनपान प्रथाओं को भी बढ़ावा देगा, जिससे बच्चों में कुपोषण, मृत्यु और बीमारियों में कमी आएगी। इन्हीं प्रयासों और IYCF प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक कौशल प्रयोगशाला के साथ एक समर्पित केंद्र स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर विशेष रूप से डी.एस. मरावी, महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त निदेशक, डॉ शैलेन्द्र अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ अपर्णा देशपांडे, यूनिसेफ पोषण विशेषज्ञ एवं डॉ. महेंद्र प्रजापति, यूनिसेफ पोषण अधिकारी और एम्स में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल के गोयल सहित अन्य चिकित्सक शामिल थे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी तो आयी है मगर इस आंकड़े को अभी और कम करने की जरुरत है। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार के सहयोग के उद्देश्य AIIMS द्वारा पोषण उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है, जो देश का पहला केंद्र होगा।