नई दिल्ली| हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं के खिलाफ हुए जघन्य अपराध पर दुख व्यक्त करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पूर्वोत्तर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया।
रिपोर्ट दर्ज करने में देरी पर जताई नाराजगी
राज्यपाल ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने में देरी और आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं करने पर भी नाराजगी जताई। मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल ने इसे ”शर्मनाक घटना” बताया।
घटना से देश के लोग हैरान
उन्होंने कहा कि देश के लोग यह जानकर हैरान हैं कि घटना 4 मई को हुई थी, लेकिन यह 18 जुलाई को सामने आई और इतने दिनों के बाद भी, मुझे नहीं पता कि पुलिस ने मामले का संज्ञान क्यों नहीं लिया।
पुलिस की भूमिका को लेकर गुस्सा
राज्यपाल ने कहा, “मैंने आज इस मामले को लेकर डीजीपी को फोन किया और उनसे संबंधित पुलिस स्टेशन के प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। इतने दिनों के बाद भी उन्होंने मामले का संज्ञान क्यों नहीं लिया और आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?” उन्होंने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी नाराजगी जताई।
समस्या का तुरंत करना चाहिए समाधान
उइके ने केंद्र सरकार से मणिपुर की स्थिति को सुलझाने की अपील करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी हिंसा कभी नहीं देखी, जैसी वे अब मणिपुर में देख रही हैं, केंद्र सरकार को मैतेई और कुकी दोनों समुदायों को बैठाकर समस्या का तुरंत समाधान करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विपक्ष राज्य सरकार को बर्खास्त करने की उठा रहा है मांग
गौरतलब है कि मणिपुर में बेकाबू हिंसा को देखते हुए विपक्ष केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि वह मणिपुर सरकार को बर्खास्त करे। अब तो वहां की राज्यपाल ने भी व्याप्त हिंसा को लेकर नाराजगी जताई है और कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है। ऐसे में केंद्र सरकार का ढुलमुल रवैये में बदलाव आता है या फिर सब कुछ ढर्रे पर रहेगा, इस पर सभी की नजरें रहेंगी।