सतना। मध्य प्रदेश में निर्भया काण्ड की तरह हुए गैंगरेप के एक मामले ने प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है। मैहर में 11 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के इस मामले में प्रशासन ने आरोपियों के घरों को जमींदोज कर दिया। पीड़िता की हालत काफी नाजुक है, जिसके चलते उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाने की योजना बन रही है।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि लड़की के शरीर पर काटने के निशान और सेक्सुअल असॉल्ट के कारण लड़की का पूरा शरीर नीला और लाल हो गया। हालांकि प्राइवेट पार्ट में डाले गए लकड़ी के टुकड़े को ऑपरेट करके निकल लिया गया है लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। रीवा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) केपी वेंकटेश्वर ने बताया, “उनकी हालत अभी भी गंभीर है। जरूरत पड़ने पर एक एयर एम्बुलेंस उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए तैयार है।”
परिजनों ने कार्रवाई के दौरान मचाया हंगामा
ADG ने बताया कि शनिवार सुबह पुलिस और जिला प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने मैहर कस्बे में दोनों आरोपियों 31 वर्षीय रवि चौधरी और 30 वर्षीय अतुल भधोलिया के अवैध रूप से निर्मित घरों को ध्वस्त कर दिया। तोड़फोड़ से पहले अतुल भदौलिया के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
लड़की का अपहरण कर ले गए जंगल
मैहर के TI अनिमेष द्विवेदी ने बताया, “आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया और कहा कि लड़की एक मंदिर से पानी लेने जा रही थी जब आरोपियों ने उसे रोका। आरोपी उसे पास के जंगल में ले गए और उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाली और उसे काटा भी और फिर उन्होंने उसे मरने के लिए छोड़ दिया। परिवार के सदस्य पहले से ही लड़की की तलाश कर रहे थे। लड़की घर से एक किमी दूर मिली।” पुलिस ने आरोपियों को धारा 366 (अपहरण) 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। मैहर मंदिर प्रबंधन समिति ने दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।
मैहर प्रबंध समिति के कर्मचारी थे आरोपी
नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी मैहर प्रबंध समिति के कर्मचारी थे। रवि चौधरी और अतुल बढोलिया दोनों मां शारदा देवी के वन विहार गौशाला में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। इस घटना के बाद मैहर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं एसडीएम सुरेश जाधव ने दोनों कर्मचारियों को सेवा हटा दिया। दुष्कर्म के इस मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।
परिवार को दी गई आर्थिक मदद
जिला कलेक्टर ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये का चेक दिया है और प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं रेडक्रॉस की ओर से 50 हजार रूपये की मदद भी दी गई है।