रायपुर। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक महिला वन विभाग में वनरक्षक पद पर भर्ती करने का दावा करते हुए पैसे की मांग कर रही थी। स्टिंग करके लिए गए इस वीडियो के आम होने के बाद वन विभाग ने इसकी फिर दर्ज कराइ और फिर पुलिस ने संबंधित महिला को गिरफ्तार कर लिया।
वन मंत्री अकबर ने दिया था निर्देश
वन परिक्षेत्र रायपुर छ.ग. में रेंजर के पद पर कार्यरत साधेलाल बंजारे ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वर्तमान में पूरे छ.ग. राज्य में वन विभाग में शासन द्वारा सीधी भर्ती के तहत वन रक्षकों की भर्ती प्रकिया से संबंधित शारीरिक परीक्षण का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वन विभाग के द्वारा नियमानुसार अधिकृत तटस्थ (Neutral) एजेंसी के माध्यम से वर्तमान में शारीरिक परीक्षण लिया जा रहा है। दिनांक 15.06.2023 को सोशल मिडिया के माध्यम से भ्रामक स्टिंग ऑपरेशन के नाम से अफवाहें फैल रही थी तथा सोशल मिडिया में प्रसारित हो रही थी कि मंगलम सर्विसेस रूम नंबर 506 शुभम कॉर्पोरेट तेलीबांधा रायपुर की संचालिका द्वारा वन विभाग में भर्ती कराने के लिये 1,50,000 रूपये एडवांस व नियुक्ति सूची में लाने के लिये 5,00,000 रूपये मांगे जाने की एवं मुझे 17 लोगों का टारगेट मिला है, जिसमें से 13 लोगो से बातचीत कर सेटल हो गया है, कहते हुये एक लडकी की विडियो वायरल हुआ था। इस घटना से वन विभाग मे हो रही भर्ती प्रकिया के संबंध में लोगो में तरह तरह की भ्रांतियां हो रही है और विभाग की बदनामी हो रही है। इस संबंध में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यवाही के लिए निर्देश दिया था। जिस पर महिला आरोपी के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में धारा 420 भादवि. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
आरोपी महिला गिरफ्तार
इस मामले को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन मनोज ध्रुव, प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना प्रभारी तेलीबांधा को महिला आरोपी की पतसाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना तेलीबांधा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ करते हुए प्रकरण में महिला आरोपी श्वेता देवांगन की पतासाजी कर उसे पकड़ा गया।
ठगने के लिए अपनाया यह तरीका
पूछताछ में महिला आरोपी श्वेता देवांगन ने बताया कि वह बेरोजगारों को प्रायवेट नौकरी दिलवाती है तथा उसका वन विभाग के किसी भी अधिकारी या अन्य किसी भी उच्चाधिकारी से कोई संपर्क नहीं है। उसने वन विभाग में वन रक्षक के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 03 लोगों से कुल 4,50,000/- रूपये लिया था तथा रकम को अपने पास ही रखी थी, यदि आवेदकों की नौकरी लग जाती तो वह रूपयों को स्वयं रख लेती और नौकरी नहीं लगती तो वह उन रूपयों को संबंधित व्यक्तियों को वापस कर देती। वर्तमान में छ.ग. शासन द्वारा विभिन्न विभागों के विभिन्न पदो पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है जिसमें महिला आरोपी लोगों को नौकरी लगाने का झांसा देते हुए अपना शिकार बना रही थी।
महिला के पास से जब्त हुई कई सामग्रियां
महिला आरोपी श्वेता देवांगन को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना से संबंधित लैपटॉप, कम्प्यूटर, वनरक्षक भर्ती संबंधित आवेदन एवं फॉर्म, 01 नग मोबाईल फोन, 01 नग रजिस्टर जिसमें अलग-अलग नौकरी के संबंध में मिलने वालों की जानकारी, विभिन्न विभागों के फॉर्म एवं आवेदन तथा अन्य दस्तावेज जप्त कर महिला आरोपी श्वेता देवांगन के विरूद्ध कार्यवाही किया गया। गिरफ्तार महिला आरोपी श्वेता देवांगन पिता स्व. मदन लाल देवांगन, उम्र 24 साल अमलीडीह थाना क्षेत्र न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर की रहनेवाली है।
भ्रामक अफवाहों से सावधान रहने की अपील
वन विभाग में भर्ती के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे भ्रामक वीडियो से अभ्यर्थियों को सावधान रहने की अपील की गई है। वन विभाग की ओर से सभी प्रतिभागियों को आश्वस्त किया गया है कि वनरक्षक पद की भर्ती प्रक्रिया पूर्णतः निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराई जा रही है। अभ्यर्थियों के फिजिकल परीक्षण के उपरांत लिखित परीक्षा व्यापम के माध्यम से होगी। परीक्षा के आधार पर वनरक्षक का अंतिम चयन किया जाएगा।
सोशल मीडिया में वन रक्षक भर्ती के संबंध में भ्रामक खबर के संज्ञान में आने पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद पुलिस विभाग द्वारा इस मामले में कार्रवाई की गई।