भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर कमलनाथ ने गेंद जनता के पाले में डाल दी है। पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जिसे जनता स्वीकार करेगी, वही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होगा। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर विवाद सामने आ रहा था। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी इस बात को उठाया था कि कमलनाथ कांग्रेस के नेता है और उनके नेतृत्वकर्ता है।
सीएम पर के चेहरे को लेकर खींचतान
मध्य प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों सीएम पर के चेहरे को लेकर खींचतान चल रही है। अरुण यादव और अजय सिंह के बाद अब नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और सज्जन सिंह वर्मा आमने-सामने हैं। कांग्रेस में बढ़ रही खींचतान के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। मीडिया से चर्चा हुए कमलनाथ ने खुलासा किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम कौन बनेगा। कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री वही बनेगा जिसे प्रदेश की जनता चुनेगी। हालांकि कमलनाथ ने ये नहीं बताया कि एमपी में कांग्रेस का सीएम पद का चेहरा कौन होगा।
तब मेरा चेहरा नया था…
मीडिया से चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि अंत में मुख्यमंत्री वो चेहरा होगा जिसे जनता स्वीकार करेगी। कमलनाथ ने कहा कि 2018 में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना था। नवंबर में चुनाव हो गए थे। तब मेरा चेहरा लोगों के लिए नया था। कमलनाथ ने कहा कि पूरा प्रदेश अब कमलनाथ को जानता है।
कांग्रेस पार्टी में विधानसभा चुनाव से पहले सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। एक गुट कमलनाथ को सीएम उम्मीदवार बता रहा है तो दूसरा गुट अलग-अलग नेताओं का नाम। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि उनके समर्थक चाहते हैं कि मैं भी मुख्यमंत्री बनूं। गोविंद सिंह के इस बयान के बाद सज्जन सिंह वर्मा ने हमला बोला।
जनवरी में शुरू हुआ था विवाद
सज्जन सिंह वर्मा को कमलनाथ का करीबी माना जाता है। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि गोविंद सिंह बातें भूल जाते हैं। बता दें कि जनवरी के महीने में भोपाल की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए थे। इस पोस्टर में कमलनाथ को राज्य का भावी सीएम बताया गया था। जिसके बाद अरुण यादव ने सवाल उठाते हुए कहा था कि यह कांग्रेस की परंपरा नहीं है। अजय सिंह राहुल भैया ने भी अरुण यादव के बयान का समर्थन किया था।