Indira Bank

रायपुर। कोर्ट ने 54 करोड़ से अधिक के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी है।

आरोपी ने नार्को टेस्ट में लिया था रमन का नाम

बहुचर्चित प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक व मामले के प्रमुख अभियुक्त उमेश सिन्हा ने नार्को टेस्ट में कई नेताओं को करोड़ों रुपये देना स्वीकार किया था। इस मामले की जांच को लेकर कोर्ट के आदेश को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए न सिर्फ पूर्व सीएम की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, बल्कि नार्को टेस्ट का वह वीडियो भी साझा किया है।

भूपेश बघेल ने किया ट्वीट

सीएम भूपेश बघेल ने अपने ट्वीट में जो वीडियो साझा किया है, उसमें बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट के दौरान पूछताछ का वीडियो भी है, जिसमें वह स्वीकार कर रहा है कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल व रामविचार नेताम समेत कई अन्य भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे। इसके अलावा बैंक संचालकों के अलावा कई अन्य लोगों को पैसे दिए थे।

हजारों की डूब गई पूंजी

रायपुर में संचालित प्रियदर्शिनी बैंक में हुए घोटाले में हजारों लोगों की लाखों रुपये की जमा पूंजी डूब गई थी। बैंक के डूबने के साथ ही कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। मुख्य आरोपी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक उमेश सिन्हा को बताया गया। वहीं 54 करोड़ रुपये से ज्यादा की गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। कांग्रेस ने इसे लेकर तत्कालीन बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए थे। पूर्व सीएम को भी सीधे तौर पर जुड़ना बताया गया। वहीं बाद में ये आरोप भी लगते रहे कि नार्को टेस्ट का वीडियो पुलिस के पास से कोर्ट तक ले जाने ही नहीं दिया गया, जिसके कारण मामला अटका रहा। बहरहाल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर ने इस मामले में नार्को टेस्ट की सीडी देखने के बाद जांच की अनुमति दे दी है। इस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का अगला कदम क्या होगा इस पर सभी की नजर रहेगी।

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