बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर में आयोजित संभाग स्तरीय कांग्रेस सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि, बिलासपुर राजनीति और कांग्रेस का गढ़ है। वर्तमान में 2018 का चुनावी रिजल्ट आया उसमें सबसे अच्छा रायगढ़, कोरबा और फिर जांजगीर का रहा। बिलासपुर में सिर्फ दो सीटें जीते, मुंगेली में हम चुनाव हार गए।
भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो राजनीति बदलाव हुआ है, वो पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के कांग्रेस से जाने के बाद हुआ है। मैं अजित जोगी जी को बार बार धन्यवाद देता हूं, जब तक कांग्रेस में थे कांग्रेस चुनाव नहीं जीती, तब फिर लोग यही कहते थे कि जोगी को पार्टी से हटाएंगे तो ही कांग्रेस चुनाव जीतेगी।
रमन के गढ़ में बहुमत से जीते
कांग्रेस से अजित जोगी को हटाने के बाद छत्तीसगढ़ में बहुमत से सरकार बनी। फिर तीनों उप चुनाव जीते (चित्रकूट, दंतेवाड़ा और मरवाही)। खैरागढ़ विधानसभा को डॉ. रमन सिंह अपना गढ़ बताते थे, वहां वही खैरागढ़ उप चुनाव में डॉ. रमन सिंह को उसके घर जाकर बड़े बहुमत से कांग्रेस ने चुनाव हरा दिया।
पटेल की शहदत को नहीं भूलेगी कांग्रेस
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस मौके पर कहा कि बिलासपुर संभाग में 24 सीटें हैं, यहां बसपा का गढ़ रहा है, और क्षेत्र में त्रिकोणी मुकाबला होने लगा, इसलिए कांग्रेस त्रिकोणी मुकाबला के कारण चुनाव हारने लगी। उन्होंने झीरमघाटी की घटना को याद किया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग के कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल और उनके पुत्र दिनेश पटेल ने अपनी शहदत दी है, जिसे पार्टी कभी नहीं भूलेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर इशारा करते हुए कहा कि-आपकी नज़रे इनायत, बिलासपुर संभाग में कम नजर आती हैं, इसलिए कुछ कुछ समस्या है। डॉ. महंत ने अपने जुदा अंदाज में सीएम बघेल से कहा कि महोब्बत की दुकान बीजेपी के लिए नहीं, बल्कि हमारे कांग्रेस के लिए खोलिए, यहां खोलेंगे तो कार्यकर्त्ता और यहां के लोगों का विकास होगा।