कांकेर। नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर अपने ही साथी की हत्या कर दी। इसके बाद शव को जंगल में फेंक दिया। इस घटना के बाद पुलिस को कोयलीबेड़ा के जंगल में मृत नक्सली की लाश मिली है। नक्सली के पास से पुलिस को परचा भी बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जिले के कोयलीबेड़ा के जंगलों में नक्सलियों ने अपने ही साथी को मौत के घाट उतार दिया है। मृत नक्सली का नाम मानू दुग्गा बताया जा रहा है, जो केसोकोडी एरिया कमेटी का सदस्य था। मृतक नक्सली वर्ष 2006 से नक्सल संगठन में सक्रिय होकर काम कर रहा था। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि “मृत नक्सली के पास से पर्चा भी बरामद हुआ है। जिसमें नक्सल संगठन की दूसरी महिलाओं से अमर्यादित व्यवहार करने की बात पर्चे में लिखी है। फिलहाल मामले की विवेचना की जा रही है।”
दुराचारी होने का लगाया आरोप
मृत नक्सली के पास ही एक पर्चा रखा हुआ था। उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी ने यह पर्चा जारी किया है, जिसमें लिखा हुआ है कि नारायणपुर के भरण्डागांव का निवासी हमारी पीएलजीए दस्ते में 2006 में से काम कर रहा था, लेकिन इसमें शुरू से ही अमर्यादित व्यवहार और अराजकतावाद व्यवहार चले आ रहा था। इसके साथ ही मृतक महिलाओं पर अत्याचार करने की कोशिश करता था, महिलाओं में इस वजह से असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया था। पार्टी की तरफ से कई बार इसे राजनीतिक रूप से पार्टी पॉलिसी के मुताबिक समझाया गया। उस पर अनुशासनिक कार्रवाई भी किए गए, लेकन इसमें कोई बदलाव नहीं आया, बल्कि उसने गांव की एक लड़की से दुष्कर्म कर दिया और फिर भागने के फिराक में था, जिसे पकड़कर जन अदालत आयोजन करके जनता की राय के अनुसार मानू दुग्गा को मृत्यु की सजा दी गई।