बिना आरक्षण रोस्टर के हो रही थी भर्ती
लेखपाल के 103 पद लटके अधर में
मामला नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत से जुड़ा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के 27 जिलों के नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में लेखपाल के 103 पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला गया, इसके लिए आवेदन जमा हुए, व्यापम के माध्यम से परीक्षा हुई, और विभाग ने भर्ती के लिए आरक्षण रोस्टर का का पालन किये बिना सूची भी तैयार कर ली, लेकिन ऐन वक्त पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया। विभाग से पत्र व्यवहार के बाद जब आयोग ने गड़बड़ी को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा, तब जाकर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया।
मनमाने तरीके से की जा रही इस भर्ती प्रक्रिया की शुरूआत सन 2018 में भाजपा के शासनकाल में हुई। नगरीय प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव द्वारा नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में लेखपाल के 103 पदों सहित अलग अलग पद के 311 रिक्तियों की भर्ती की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके बाद सभी पदों के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल से परीक्षा भी कराई गई। मगर लेखपाल के पद को छोड़कर बाकी पदों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया। यह मामला छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के संज्ञान में आया, तब आयोग ने नगरीय प्रशासन विभाग को सम्मन जारी किया।
आयोग को दिग्भ्रमित करने का प्रयास
इस मामले में सम्मन जारी होने के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने गोलमोल जवाब देकर आयोग को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया। विभाग का कहना था कि संबंधित नगरीय निकायों से लेखपाल के पद के लिए अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इन पदों के लिए व्यापम केवल परीक्षा लेगा, और पात्र लोगों की सूची जारी कर देगा, मगर नियुक्ति आदेश निकायों द्वारा जारी किया जाएगा। इसलिए लेखपाल के पदों पर आरक्षण रोस्टर लागू नहीं होता है। लेकिन जब आयोग ने नियम कायदों को लेकर सम्मन जारी किया गया तब नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। जवाब दिया गया कि संचालनालय, नगरीय निकाय द्वारा ही पूरी भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
भर्ती करनी पड़ी स्थगित
अनुसूचित जनजाति आयोग इस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाता रहा, और इस दौरान नगरीय प्रशासन विभाग ने भर्ती की कार्यवाही जारी रखते हुए उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली।
आखिकार आयोग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किये जाने के संबंध में जानकारी दी। इसके बाद लेखापाल भर्ती की प्रक्रिया स्थगित करने की खबरें अखबारों के माध्यम से मिली। अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाया, तब जाकर भर्ती पर रोक लगी, मगर नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों पर अब भी संदेह की सूई घूम रही है कि कहीं आनन फानन में वे उम्मीदवारों की सूची जारी न कर दें। बहरहाल वे उम्मीदवार परेशान हैं, जिनके नाम मेरिट सूची में हैं, और वे नौकरी की आस लिए बैठे हैं। वहीं अब नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी मामले की जांच करके नियमानुसार कार्यवाही की बात कह रहे हैं।
लेखापाल भर्ती स्थगित करने संबंधी खबर