धमतरी। बीते दो दिनों से एक IPS अधिकारी की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमे वे उस इलाके में ठसके से बैठे हैं, जहां कुछ ही दिनों पहले नक्सलियों ने एक ठेका कंपनी की गाड़ियों में आग लगा दी थी। इस मामले में प्रदेश के IAS अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। आदिवासी समुदाय से आने वाले धमतरी जिले के कलेक्टर भी यूं ही बाइक पर आम आदमी की तरह जिले के भ्रमण पर निकल पड़े। खास बात ये रही कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नगरी इलाके में भी अनेक गांवों का दौरा किया। बाद में यह भी पता चला कि आसपास की पहाड़ी पर नक्सलियों की मौजूदगी भी थी।

जब कोई कलेक्टर एकदम साधारण व्यक्ति जैसे मोटरसाइकिल में निकले तो हैरानी और उत्सुकता के साथ उनका जमीन से जुड़े रहने की झलक और इच्छाशक्ति दिखती है। उससे बड़ी बात कि यह सफर कोई आसान नहीं बल्कि सड़कों, पगडंडियों और जंगलों के बीच से होकर वनांचल के अंदरूनी गांवों में हो तो उनकी मैदानी स्तर पर शासकीय योजनाओं की हकीकत जानने की इच्छा जाहिर करती है। ऐसा ही वाकया नगरी के वनांचल क्षेत्र में हुआ, जब कलेक्टर पी एस एल्मा सुबह दस बजे से मोटर साइकिल में निकल पड़े। यह मिलों लंबा सफर सिर्फ यह जानने की एक कोशिश थी कि वास्तव में योजनाओं का लाभ ज़मीनी स्तर पर उनके वास्तविक हितग्राहियों को मिल रहा है या नहीं। इस दौरान कलेक्टर जिस भी गांव पहुंचे ग्रामीण काफी हैरान हुए और उनसे मिलकर गांव की स्थिति के संबंध में चर्चा भी की।

ग्रामीणों से मिले और समस्याएं भी जानीं

कलेक्टर पीएस एल्मा ने बिरना सिल्ली, सांकरा, अरसीकन्हार, खालगढ़, बोइरगांव, संदबहार, मांदागिरी, उजरा वन, गादूलबहार, खल्लारी, ठोठागुरिया,आमाबहार, जोरातराई, करही,गहनासियार, मासुलखोई, रिसगांव इत्यादि का मोटरसाइकिल से सफर किया। इस पूरे औचक निरीक्षण में कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, पुल पुलिया, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा के तहत परिसंपत्ति निर्माण और मजदूरों को मिले मजदूरी का समय पर भुगतान, पीडीएस की गांव में स्थिति का जायज़ा लिया। जंगलों, पगडंडियों, सड़क से तय इस सफर में कलेक्टर एल्मा गांववालों से भी रुक रुक कर मिलते रहे और क्षेत्र की समस्यायों की जानकारी मांगते रहे।

बाजार में पहुंचकर खरीदारी भी की

इस दौरान ग्राम रिसगांव में साप्ताहिक बाजार लगा था। इसका भी कलेक्टर ने घूमघूम कर जायज़ा लिया और सब्जी भाजी , मनिहारी , कंद आदि कीमत जानी। बाजार में कमारों द्वारा बनाए गए बांस के सूपा और टोकरी की जानकारी लेकर उससे कमारो को होने वाली आमदनी के बारे में भी पूछा। उन्होंने साप्ताहिक बाजार से कंद खरीदे और उसके स्वाद का आनंद भी लिया। बाजार में भ्रमण के साथ ही उन्होंने हॉस्टल, स्वास्थ्य केंद्र, हायर सेकेन्डरी स्कूल का निरिक्षण किया और ग्रामीणो द्वारा करका मार्ग मे पूल की मांग पर जगह का भी निरीक्षण किया, जहां गांव वालों ने रिसगाव मुख्यमार्ग में सडक, पूल और गांव में आगनबाड़ी, पेयजल के लिये नलजल कनेक्शन तथा करका मे नये स्कूल भवन की मांग की। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि यथासंभव उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा।

सादगी के चलते पहचान नहीं सके ग्रामीण

आम नागरिक की तरह कलेक्टर एल्मा जब रिसगांव के सप्ताहिक बाजार में घूम रहे थे। तब ग्रामीण उन्हें पहचान नहीं पाए। इस दौरान कलेक्टर ने भी मजाक के लहजे से एक स्थानीय सब्जी व्यापारी से पूछा कि क्या वो उन्हें पहचानता है? तो उसने अपनी भाषा में कहा कि “देखे देखे जईसे लगथे।”

बच्चों के साथ क्रिकेट में आजमाया हाथ

इस दौरान मासुलखोई ग्राम के स्कूल ग्राउंड में क्रिकेट खेलते देख पीएस एल्मा ने बच्चों के साथ खुद भी क्रिकेट में अपने हाथ आजमाया। उन्होंने बच्चों के साथ क्रिकेट खेला और इसका आनंद भी उठाया।

अबूझमाड़ इलाके में भी लगा चुके हैं कैंप

आपको बता दें कि इससे पहले कलेक्टर एल्मा नारायणपुर जिले में पदस्थ रहे और वहां उन्होंने ओरछा ब्लॉक में कई बार कैंप लगाया, जबकि ये इलाका शत-प्रतिशत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है और इसे ही अबूझमाड़ कहते हैं। पीएस एल्मा ने बताया कि उनका मकसद यह जानना था कि सरकारी योजनाओं का आम लोगों को कितना लाभ मिल रहा है, लोगों की जीवन शैली में क्या बदलाव आया है। धमतरी का नगरी ब्लॉक भी नक्सल प्रभावित इलाके में आता है, यहां इस तरह तरह निकलने से खतरा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे इसलिए ही सामान्य वेशभूषा में निकले ताकि कोई उन्हें पहचान नहीं सके। उनके दौरे के बाद इस बात की जानकारी भी हुई कि उस दौरान मंदागिरि की पहाड़ी पर नक्सलियों की मौजूदगी भी थी

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