बिलासपुर। यहां के बहुचर्चित करोड़पति रिक्शा चालक भोंदूदास को आखिरकार सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गरीब भोंदूदास जमीनों के होने वाले फर्जीवाड़े का एक नमूना भर है जिसका इस्तेमाल करके जमीन दलालों ने करोड़ों रुपयों की कमाई कर ली और अब भोंदू दास को जेल की हवा खानी पड़ेगी।

राजस्व की मिलीभगत से किया फर्जीवाड़ा

बिलासपुर शहर में सरकंडा के चिल्हाटी में स्थित सरकारी और बेनामी करोंड़ों की भूमि पर कुछ भू-माफियाओं की ऐसी नजर पड़ी कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए एक गरीब वृद्ध भोंदू दास के नाम पर साढ़े 22 एकड़ भूमि दर्ज करा दी। इसके बाद उन्होंने भोंदू से मुख्तियारनामा लेकर जमीन को बेचकर करोड़ों रुपए डकार भी लिए। यह सारा काम राजस्व विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ के बिना कैसे संभव हो सकता है। मजे की बात यह है कि भोंदू को इसकी जानकारी ही नहीं कि, उसके नाम पर करोंड़ों की भूमि है और उसे बेच भी दिया गया है। इतना ही नहीं इसी भोंदूदास के नाम पर लगरा स्थित ट्रैफिक पार्क की 6 एकड़ जमीन के साथ मोपका चिल्हाटी में 40 एकड़ से अधिक जमीन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। ऐसे शख्स को करोड़पति को कहा ही जा सकता है।

तत्कालीन तहसीलदार ने कराई FIR

इस मामले में अब जाकर तत्कालीन तहसीलदार संदीप ठाकुर ने सरकंडा ठाणे में FIR दर्ज कराइ कि साल 2015-16 में जब वे बिलासपुर में बतौर तहसीलदार पदस्थ थे उस दौरान ग्राम लगरा के खसरा नंबर 633/1 और 637/2 द रकबा 5.70 एकड़ जमीन पर मझवा पारा निवासी भोंदू दास मानिकपुरी के नाम कूटरचना कर जमीन चढ़ाई गई थी। इस दौरान आरोपियों द्वारा फर्जी कागजात बनाकर और दस्तावेजों में छेड़खानी किए जाने की शिकायत की गई है। संदीप ठाकुर वर्तमान में कबीरधाम जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं।

भोंदू को पकड़ा – दलालों को बख्शा

इस मामले में वृद्ध भोंदू दास को आरोपी बनाया गया है, जबकि जमीन मे खेल राजस्व अधिकारी व भूमाफियाओ के सांठगांठ से हुआ है। फ़िलहाल भोंदू दास को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अगर बारीकी से मामले की जाँच करें तो कई चौंकाने वाले नाम सामने आएंगे।
बता दें कि प्रदेश में बिलासपुर जिले का राजस्व अमला फर्जीवाड़े के मामले में सबसे ज्यादा बदनाम है। यहां अमले की शह पर जमीनों की जो अफरा-तफरी हुई है उससे सबसे ज्यादापरेशान आम लोग हैं, और वे हक़दार होते हुए भी अपनी जमीन पाने के लिए राजस्व कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। बहरहाल देखना है कि कथित करोड़पति भोंदू दास के मामले में असली दोषियों पर भी कार्रवाई होती है या नहीं।

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